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राजस्थान में मिले कप्पा वैरिएंट के 11 केस, गलहोत सरकार की चिंता बढ़ी   

Updated Jul 14, 2021 | 06:49 IST

राजस्थान में कोरोना वायरस के कप्पा वैरिएंट के 11 मामले मिले हैं। स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि यह वैरिएंट कम घातक है। हालांकि, उन्होंने लोगों से कोविड उचित व्यवहार का पालन करने की अपील है।

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राजस्थान में मिले कप्पा वैरिएंट के 11 केस।
मुख्य बातें
  • उत्तर प्रदेश के बाद अब राजस्थान में मिले कप्पा वैरिएंट के केस
  • स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादा घातक नहीं है यह वैरिएंट
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे कप्पा को 'वैरिएंट ऑफ इंटेरेस्ट' बताया है

जयपुर : राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने मंगलवार को बताया कि राज्य में कोविड-1 के कप्पा वैरिएंट के 11 मामले मिले हैं। इस नए वैरिएंट ने राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के कप्पा स्परूप से संक्रमित 11 मरीजों में से 4-4 अलवर और जयपुर, दो बाड़मेर से और एक भीलवाड़ा से हैं। उन्होंने बताया कि जीनोम अनुक्रमण के बाद इन मामलों की पुष्टि हुई है। 

कोविड उचित व्यवहार का पालन करने की अपील
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि हालांकि कप्पा स्वरूप, डेल्टा स्वरूप के मुकाबले कम घातक है। स्वास्थ्य मंत्री लोगों से पूरी तरह से कोविड उचित व्यवहार का पालन करने के लिए कहा है। राजस्थान में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 33 नए मामले आए। इसके साथ ही राज्य में संक्रमण की  संख्या बढ़कर 9,53,159 हो गई। अब तक इस महामारी से 8,945 लोगों की मौत हुई है। जबकि राज्य में 613 मरीज उपचाराधीन हैं। 

डेल्टा वैरिएंट की तरह घातक नहीं है कप्पा 
देश में इन दिनों कोरोना के कप्पा वैरिएंट की चर्चा ने जोर पकड़ी है। गत शुक्रवार को उत्तर प्रदेश ने कहा कि उसके यहां कप्पा वैरिएंट के दो मामले मिले हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कप्पा वैरिएंट नया नहीं है। यह पहले से मौजूद था लेकिन यह डेल्टा वैरिएंट की तरह घातक नहीं है।

'वैरिएंट ऑफ इंटेरेस्ट' है कप्पा वैरिएंट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कप्पा वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ इंटेरेस्ट' जबकि डेल्टा वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' बताया है। देश में कोरोना की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वैरिएंट जिम्मेदार माना गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कप्पा वैरिएंट की अन्य राज्यों में मौजूदगी पाई गई है लेकिन यह डेल्टा वैरिएंट की तरह ज्यादा संक्रामक नहीं है। 

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