- जयपुर में रोबोटिक एंजियोप्लास्टी सुविधा का उद्घाटन
- पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने किया इनोग्रेट
- उत्तर भारत में पहली रोबोटिक एंजियोप्लास्टी सुविधा
Robotic Angioplasty: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ द्वारा रोबोटिक एंजियोप्लास्टी सुविधा का उद्घाटन किया गया। उन्होंने शुक्रवार को जयपुर के राजस्थान अस्पताल के एक प्रोग्राम में इस सुविधा का इनोग्रेशन किया। उन्होंने RHL हार्ट सेंटर के अध्यक्ष डॉ. रवींद्र सिंह राव द्वारा की गई लाइव रोबोटिक एंजियोप्लास्टी को देखा और इसके बारे में कहा कि नई तकनीक मानव उत्कृष्टता को और बेहतर बनाएगी।
अस्पताल के अधिकारियों ने दावा किया कि यह उत्तर भारत में पहली रोबोटिक एंजियोप्लास्टी सुविधा है। वहीं , सुविधा केंद्र के उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह नवीन तकनीक मानव उत्कृष्टता को और बेहतर बनाएगी। उन्होंने कहा कि बीमारी तो किसी को भी हो सकती है । हालांकि, बीमार के इलाज को सस्ता बनाना और मरीजों को रोबोटिक एंजियोप्लास्टी जैसी विश्व स्तरीय तकनीक मुहैया कराना काफी महत्वपूर्ण है। धनखड़ ने कहा कि यह हम सभी के लिए गर्व की बात है। स्टेंट की सटीकता के कारण, यह हृदय केंद्र उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में उभरा है।
रोबोटिक एंजियोप्लास्टी में जोखिम कम
RHL हार्ट सेंटर के अध्यक्ष डॉ. रवींद्र सिंह राव ने रोबोटिक एंजियोप्लास्टी लाइव किया और इसके बाद उन्होंने इस पर अपनी बात रखी। वींद्र सिंह राव ने बताया कि रोबोटिक एंजियोप्लास्टी 10 प्रतिशत मामलों में अतिरिक्त स्टेंट की आवश्यकता को कम करती है। इसके अलावा, सामान्य एंजियोप्लास्टी की तुलना में रोगी के लिए विकिरण जोखिम भी 20 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
राजस्थान आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुधीर भंडारी का कहना है कि अत्यधिक सटीकता के साथ रोबोटिक एंजियोप्लास्टी से न केवल राजस्थान बल्कि उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों के रोगी भी इसका लाभ उठा सकेंगे। कार्यक्रम में राजस्थान अस्पताल के अध्यक्ष डॉ वीरेंद्र सिंह के साथ ही चेयरमैन डॉ एस एस अग्रवाल और विभिन्न चिकित्सा संस्थानों के मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ वहां आए थे।