- 2 मई को जोधपुर में हिंसा
- झंडा लगाने के मुद्दे पर बढ़ा था विवाद
- अब इस मामले में सियासत जोरों पर
परशुराम जयंती और ईद से ठीक पहले जोधपुर जल उठा। यह जिला चर्चा में इसलिए भी आया कि क्योंकि यह सीएम अशोक गहलोत का गृह जिला है। एक झंडे को लेकर बवाल शुरू हुआ और उसका असर यह हुआ कि जोधपुर अशांत हो गया। इस मामले में कुल 13 एफआईआर के साथ साथ 100 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इसके साथ ही इस मामले में सियासत भी शुरू हो चुकी है। बीजेपी एक तरफ जहां कानून व्यवस्था के लचर होने का हवाला दे रही है तो सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि जलन की वजह से राजस्थान और कांग्रेस की सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। इन सबके बीच हिंसा वाली रात क्या हुआ था उसके बार में चश्मदीदों की आंखो देखी सुनाएंगे।
चश्मदीद नंबर 1
लोगों पर पथराव किया गया
11.45 पर जालौरी गेट पर विवाद हुआ
झंडा लगाने को लेकर विवाद शुरू हुआ
चश्मदीद नंबर 2
जालोरी गेट से अपने घर वापस जा रहा था
किसी ने बाइक में आग लगाई और एक शख्स आग की चपेट में आ गया।
एकाएक कुछ लोग आए और बाइक में आग लगा दी। कुछ समझ में नहीं आया कि क्या हो रहा है।
चश्मदीद-3
देर रात अपने काम से वापस घर लौट रहा था
6 से 7 लोगों ने हमला कर दिया।
रास्ते में रोक कर हमला कर दिया
बिना किसी वजह पीटना शुरू किया।
जोधपुर हिंसा के संदर्भ में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि यह तो शासन और प्रशासन की मुस्तैदी का नतीजा था कि कोई बड़ी घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा कि एक खास एजेंडे के तहत प्रदेश को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। लेकिन राज्य के लोग अमन पसंद है और जल्द ही हालात सामान्य हो जाएंगे। करौली, अलवर और जोधपुर की घटना के लिए जो कोई जिम्मेवार होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जोधपुर हिंसा: अब तक 13 FIR और 100 गिरफ्तार, पुलिस का दावा स्थिति नियंत्रण में