- बांसवाड़ा के जिला जेल से 22 फीट ऊंची दीवार फांद कर तीन कैदी हुए फरार
- आरोपियों ने पहले प्लेट-कटोरियों से दीवार में छेद किया फिर कंबल से फंद गए
- जिला जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी उठ रहे सवाल, पुलिस कर रही जांच
Jail Break in Rajasthan: राजस्थान में जेल ब्रेक का एक बड़ा मामला सामने आया है। बांसवाड़ा की जिला जेल से तीन कैदियों ने पहले प्लेट-कटोरियों की मदद से दीवार में छेद किया और उसके बाद 22 फीट ऊंची दीवार पर करंट के तारों का जाल लगा होने के बावजूद कंबल के सहारे फरार हो गए। कैदियों की इस हिमाकात से जेलकर्मी भी हतप्रभ हैं। जेल से फरार कैदियों में से एक मध्य प्रदेश का और दो राजस्थान के हैं। इन कैदियों की तलाश के लिए पुलिस ने पूरे जिले में नाकाबंदी कर आने-जाने वाले लोगों की गहन तलाशी ले रही है।
कैदियों के रात बारह बजे से सुबह चार बजे के बीच फरार होने की जानकारी है। पुलिस के अनुसार जेल से फरार होने वालों में रतलाम-मध्य प्रदेश निवासी परमेश पुत्र रमेश, बांसवाड़ा का ही रहने वाला कमलेश (20) पुत्र मान सिंह भाभोर और प्रवीण (19) पुत्र कमलेश निनामा शामिल है। पुलिस के अनुसार इन आरोपियों को कुछ दिन पहले ही इस जेल में लाया गया था। ये आरोपी जब फरार हुए तब 22 फीट ऊंची दीवार पर लगी बिजली के एलटी लाइनों में करंट जारी था।
जेल की सुरक्षा पर भी उठ रहे सवाल
पुलिस जांच के दौरान जेल की दीवार पर तीन कंबल एक-दूसरे से बंधे मिले। जिनकी मदद से आरोपी दीवार पर चढ़े और इन कंबलों को कवच बनाकर बिजली के तारों को पार कर फरार हो गए। हालांकि पुलिस अधिकारी इसे असंभव बता रहे हैं। ऐसे में पुलिस इस दिशा में भी जांच कर रही है कि कहीं आरोपियों के फरारी के दौरान जेल के अंदर से ही किसी ने लाइन में बिजली सप्लाई तो नहीं बंद कर दी थी। घटना के बाद बांसवाड़ा के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार मीणा ने भी आला अधिकारियों के साथ मौके का मुआयना किया। पलिस ने बताया कि रतलाम जिले के रावटी गांव के परमेश को दो जून को यहां न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। इस आरोपी पर भादसं की धारा 365, 344 और 376 के तहत मामला दर्ज है। वहीं दो अन्य कैदियों कमलेश व प्रवीण को भी यहां दो व सात जून को ही लाया गया था। इन आरोपियों पर अपहरण का मामला दर्ज है।
जेल से इस तरह हुए फरार
इधर, बांसवाड़ा पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार मीणा ने बताया कि जेल की दीवार में दो जगह से कैदियों के चढ़ने के निशान मिले हैं। दीवार को कुछ जगह पर पत्थर से खोदने की कोशिश भी हुई है। भागे हुए कैदियों की बैरक में पुलिस को स्टील की मुड़ी हुई थाली मिली है। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि थाली को मोड़कर कैदियों ने बंद बैरक की दीवार को खोदा और फरार हो गए।