- जयपुर में कर्ज से परेशान युवक ने अपने अपहरण की रची साजिश
- युवक के परिवार ने अपहरण की आशंका पर पुलिस में लिखवाई रिपोर्ट
- जयपुर पुलिस की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे
Jaipur Kidnapping Case: राजस्थान की राजधानी जयपुर में पुलिस ने बेहद ही चौंकाने वाले मामले का खुलासा किया है। चिमनपुरा चौमू के रहने वाले एक युवक ने काफी समय से कर्ज मांगने वालों से परेशान होकर खुद के अपहरण की साजिश रची थी। जयपुर के चौमू थाना पुलिस ने युवक के अपहरण के मामले का खुलासा करते हुए अपह्रत युवक को पलसाना सीकर से ढूढ़ निकाला।
पुलिस पूछताछ में युवक राहुल ने बताया है कि कर्जा अधिक हो जाने और कर्जा मांगने वाले से परेशान होकर उसने खुद के अपहरण की साजिश रची। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर अन्य जानकारियां जुटा रही है।
ऐसे हुआ गुमशुदा
डीसीपी (पश्चिम) ऋचा तोमर ने बताया कि 22 फरवरी को चिमनपुरा चौमू निवासी गजानन्द ने थाने में मामला दर्ज करवाया था। जिसमें बताया कि उनका बेटा राहुल कुमार वर्मा गुम हो गया है। राहुल के परिवार के लोगों ने उसके अपहरण की आशंका जताते हुए स्वपन्न लोक सर्किल पर धरना प्रदर्शन किया और नारेबाजी की थी। जिसके बाद पुलिस द्वारा आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया गया था। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एडिशनल डीसीपी रामसिंह, एसीपी राजेन्द्र सिंह निर्वाण और थानाधिकारी हेमराज के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। टीम ने इस मामले में कई लोगों से पूछताछ की और काफी मशक्कत के बाद बाद राहुल को पलसाना सीकर से दस्तयाब कर लिया।
राहुल ने बताई कहानी
राहुल से पुलिस पूछताछ में जो कहानी सामने आई उससे पुलिस भी हैरान रह गई। राहुल ने पुलिस को बताया है कि कर्जा होने के कारण वो काफी समय से परेशान चल रहा था. कर्जा देने वाले लोग उसे बार-बार पैसा देने का दबाव बना रहे थे। इसके चलते कर्ज वालों से पीछा छुड़ाने ले लिए 22 फरवरी को वह बाइक लेकर घर से झोटवा़ड़ा पहुंचा, जहां पर गाना बजाने वाला आर्गन 50 हजार रुपए में बेचा, लेकिन वहां भी उसे पूरे पैसे नहीं मिले। केवल 25 हजार रुपए ही मिले। अधिकतर लोगों को उसने 22 फरवरी की तारीख दे रखी थी। इसलिए वहां से रवाना होकर अपने अन्य साथी गजानन्द रैगर के साथ स्वपन्न लोक जाहोता आ गया।
ऐसे रची थी अपहरण की साजिश
राहुल ने अपहरण की साजिश को इस तरीके से रचा ताकि सभी को लगे कि वाकई उसका अपहरण हुआ है। राहुल ने अपनी बाइक को स्वपन्न लोक में लावारिस रुप में पटक दिया, अपनी घड़ी, हेलमेट का कांच तोड़कर उसे वहीं फेंक दिया। मोबाइल फोन को बंद कर और अपने साथी गजानन्द की बाइक पर बैठकर जयपुर की तरफ चला गया। बैनाड़ फाटक से गजानन्द रैगर को वापस भेज दिया और खुद अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़ होते हुए उदयपुर की तरफ चला गया। पुलिस ने टीम ने 24 फरवरी को तकनीकी सहायता से उसे पलसाना के पास सीकर से दस्तयाब कर लिया।