- शहर की सभी 402 टेनरियों की पीटीजेड कैमरे से निगरानी की जाएगी
- गंदगी बहाने वालों को कैमरा कर लेगा कैद
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पुलिस कमिश्नर और डीएम को जल्द कैमरे लगवाने का दिया है निर्देश
Kanpur Ganga : कानपुर में अब गंगा नदी प्रदूषित नहीं होगी। गंगा को निर्मल बनाने के लिए नदी में औद्योगिक कचरे को गिरने से रोकने की कवायद तेज हो गई है। एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को क्रोमियम युक्त कचरा बहाने वाली टेनरियों की निगरानी करने के लिए कहा है। कंपनी ने निर्देश दिया है कि, सभी 402 टेनरियों की पीटीजेड कैमरे से निगरानी की जाए।
ऐसे में जो भी गंगा नदी में कचरा बहाएगा, उसे कैमरा कैद कर लेगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव ने पुलिस कमिश्नर और डीएम को जल्द पीटीजेड कैमरे लगाने का निर्देश दिया है।
नौ एमएलडी ट्रीटमेंट प्लांट में जा रही अधिक गंदगी
गौरतलब है कि, प्रतिबंध के बाद भी गंगा में क्रोमियम वेस्ट बहाया जा रहा है। हर दिन गुपचुप तरीके से अधिकांश टेनरियां से वेस्टेज नदी में जा रहा है। सबसे अधिक गंदगी नौ एमएलडी ट्रीटमेंट प्लांट में जा रही है। यह ट्रीटमेंट प्लांट टेनरी वेस्ट के लिए ही लगाए गए हैं। अहम बात है कि, आदेश के बाद भी अधिकांश टेनरी संचालकों ने कैमरे नहीं लगवाए हैं। इसको लेकर प्रशासन के सभी प्रयास फेल साबित हुए हैं।
90 प्रतिशत टेनरियों में कैमरा नहीं लगने की पुष्टि
गंगा में बढ़ते प्रदूषण का मामला एनजीटी के पास पहुंचा था। जब मामले की जांच हुई तो इस बात की पुष्टि हो गई कि, 90 प्रतिशत टेनरियों में कैमरा नहीं लगा है। उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अजय कुमार शर्मा ने कानपुर पुलिस कमिश्नर, डीएम और टेनरी संचालकों से जल्द इस मसले पर बात भी करेंगे।
सात प्रक्रियाओं की लखनऊ से की जाएगी निगरानी
टेनरियों की सात प्रक्रियाओं की निगरानी कैमरों के माध्यम से की जाएगी। इसके तहत सोकिंग, लाइमिंग, डिलाइमिंग, पिंकलिंग, टैनिग, फैट लिकरिंग और डाइंग की निगरानी होगी। ऐसे में सभी को अच्छी गुणवत्ता वाले कैमरे लगवान है। इनकी मॉनिटरिंग लखनऊ से होगी। जाजमऊ में नौ एमएमडी का ट्रीटमेंट प्लांट है। फिर भी क्रोमियम युक्त कचरा काफी ज्यादा मात्रा में गंगा में जा रहा है।