- कानपुर में ठगी का बड़ा मामला, गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार
- गिरोह के सदस्यों के खातों से मिले 10 करोड़ के सबूत
- पीड़ित ने पूछताछ में बयां किया दर्द
Kanpur Fraud Case: उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस ने एक नाइजीरियन गैंग का पर्दाफाश किया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने गैंग के मास्टरमाइंड समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये शातिर आरोपी विदेश में लाखों के पैकेज पर नौकरी लगवाने का झांसा देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। वहीं पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि नाइजीरियन गैंग के सदस्यों के खातों में दस करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी के सबूत मिले हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश दी जा रही है।
क्राइम ब्रांच की टीम के अनुसार, कानपुर जनपद के जाजमऊ के रहने वाले दीप मंडल को कुछ दिनों पहले एक अमेरिका की नामी कंपनी के नाम से ई-मेल मिला था। ई-मेल में लाखों रुपये के अच्छे पैकेज पर नौकरी का ऑफर दिया गया था। दीप मंडल चेन्नई की एक कंपनी में प्रोडक्शन इंजीनियर के पद पर तैनात हैं।
दीप मंडल ने पूछताछ में बयां किया दर्द
पीड़ित दीप मंडल ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि, उससे कोई एंबेसी का अधिकारी बन कर बात करता रहा तो कोई कंपनी के एचआर विभाग से बता कर रुपये ठगता रहा। इस बीच उससे करीब पांच लाख रुपये अलग-अलग खातों में जमा कराए गए। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी नौकरी नहीं मिली तो उसे ठगी का पता चला। इसके बाद उसने जाजमऊ थाने में शिकायत दर्ज करा कर कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी।
ये आरोपी हुए गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच के डीसीपी सलमान ताज पाटिल का कहना है कि, गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों के नाम इटावा के रहने वाले अश्वनी कुमार और अमन कुमार, वल्लभगढ़ हरियाणा के रहने वाले शान खान और चंदेर नगर दिल्ली निवासी नाइजीरियन मोसेस है। इनमें मोसेस नाइजीरियन गैंग का मास्टरमाइंड है और सभी आरोपियों ने अपने बैंक अकाउंट नाइजीरियन मोसेस को किराए पर दिए हुए थे। शातिर आरोपी इन्हें अकाउंट में ठगी की रकम मंगाता था।