- केडीए ने ग्रीन बेल्ट विकसित करने का फैसला किया है।
- कानपुर साउथ क्षेत्र की सड़कों पर विशेष रूप से होगा हरियाली का कार्य
- शहर की सड़कों के किनारे ग्रीन बेल्ट डेवलप की जाएगी
Kanpur Green Belt Development News: उत्तर प्रदेश के कानपुर में कई सड़कें ऐसी हैं, जिनके किनारे हरियाली के लिए पेड़ ही नहीं है, जबकि सड़कों के किनारे फुटपाथ काफी चौड़े बने हुए हैं। अब शहर की ऐसी सड़कों की पहचान कर सड़कों के किनारे ग्रीन बेल्ट डेवलप की जाएगी। कानपुर साउथ क्षेत्र की सड़कों पर यह काम प्रमुखता से किया जाएगा। कानपुर विकास प्राधिकरण ने कई वर्षों पहले ही ग्रीन बेल्ट विकसित करने का फैसला किया था।
केडीए वीसी अरविंद सिंह ने बताया कि, यूपी के प्रयागराज में कई सड़कें हरियाली के मामले में मॉडल के रुप में हैं। उनको ध्यान में रखते हुए कानपुर के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया है। वहीं नगर निगम द्वारा शहर के फुटपाथों पर इंटरलॉकिंग का काम लगभग पूरा किया जा चुका है। ऐसे में हरियाली की आड़ में अतिक्रमण भी बाधा नहीं बनेगा। वहीं वीसी ने कानपुर के मुख्य अभियंता रोहित को यह कार्यभार सौंपा है।
हरियाली के दूसरे चरण में जीटी रोड पर भी होगा काम
कानपुर मुख्य अभियंता ने बताया कि, जीटी रोड पर भी हरियाली का कार्य कराया जाना है। केडीए वीसी से हरी झंडी मिलने के बाद इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया जाएगा। केडीए बोर्ड की अगली बैठक में ये प्रस्ताव भी रखे जाएंगे। दूसरे चरण में अन्य सड़कें भी चिह्नित की जायेगी। जो चौड़ी हों, ताकि आसानी से ग्रीन बेल्ट विकसित किया जा सके। उन सड़कों पर जहां नगर निगम ने साइड पटरी बना दी है, उसके लिए नगर निगम से इजाजत ली जाएगी।
इन सड़कों पर होगा पहले हरियाली का कार्य
• सबसे पहले कानपुर के जेके मंदिर से मरियमपुर रोड होते हुए विजय नगर तक का कार्य होगा।
• किदवई नगर से पशुपति नगर तक की रोड पर पौधे लगाए जाएंगे।
• जूही अंडर पास से नौबस्ता तक हमीरपुर रोड तक हरियाली का कार्य होना है।
• वहीं, गोविंद नगर से बर्रा बाईपास और गोल चौराहे से रामादेवी चौराहे तक पौधे लगाए जाएंगे।
कानपुर के गंगा में गिर रहे सीसामऊ नाला समेत 5 नालों के गिरने की जांच की जाएगी। वहीं कानपुर जू में निरीक्षण करने पहुंचे वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. अरुण कुमार सक्सेना ने जांच की बात कही। इस दौरान उनके साथ वन राज्यमंत्री केपी मलिक भी साथ रहे। मंत्री ने निर्देश दिए कि गंगा किनारे स्थित खेतों में किसानों की सहमति से भी पौधारोपण किया जाए। इस बार पौधारोपण से पहले कानपुर में अब तक कितने पौधे लगाए गए हैं, इसकी जांच सैटेलाइट से कराने के लिए भी कहा। पौधारोपण के लिए जमीन की कमी होने पर वन मंत्री ने यूपीपीसीबी को कडे़ निर्देश दिए कि पौधारोपण में उद्यमियों का भी सहयोग लिया जाए। उनकी सहमति से इंडस्ट्री की जमीनों पर पौधे लगाए जाएं। वहीं किसानों की सहमति से खेत के किनारे भी पौधे लगाए जाएं।
वहीं मंत्री ने कहा कि, उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर 35 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। फॉरेस्ट और ग्राम समाज की जमीनों पर अधिक से अधिक पौधे लगाने के निर्देश मंत्री ने दिए हैं।