- टीबी रोगियों के फेफड़ों के कैंसर की जांच अब आसान
- चेस्ट हॉस्पिटल में फेफड़ों के कैंसर की जांच शुरू
- ढाई सौ रुपये में होगी जांच, निजी अस्पताल में लगते हैं डेढ़ हजार
Kanpur chest hospital : कानपुर में टीबी रोगियों के फेफड़ों के कैंसर की जांच अब आसानी से हो जाएगी। डॉ. मुरारीलाल चेस्ट हॉस्पिटल में ब्रोंकोस्कोपी जांच की सुविधा उपलब्ध हो गई है। यही जांच निजी अस्पताल में 12 से 15 हजार रुपये में होती है, लेकिन चेस्ट हॉस्पिटल में यह सुविधा सिर्फ ढाई सौ रुपये में मिलेगी। ऐसे में फेफड़ों के कैंसर का शुरुआती स्टेज पर ही पता लगाया जा सकेगा। और इसका इलाज हो सकेगा। इसके अलावा ब्रोंकोस्कोपी की सुविधा होने से उन रोगियों की भी जांच हो सकेगी, जो खांसी बलगम की परेशानी से पीड़त हैं।
उन रोगियों की जांच में भी आसानी होगी, जिनके म्यूकस फाइब्रोसिस रोग होने से मुंह नहीं खुलता है। पान मसाला खाने से म्यूकल फाइब्रोसिस रोगी भी बढ़ रहे हैं।
फेफड़ों के कैंसर के रोगियों की अब आसानी से जांच
डॉ. मुरारीलाल चेस्ट हॉस्पिटल में फेफड़े के कैंसर के औसत दो रोगी प्रतिदिन आते हैं। कानपुर और आस—पास के जिलों के रोगी चेस्ट हॉस्पिटल पहुंचते हैं। फेफड़ों के कैंसर के रोगियों की अब आसानी से जांच हो जाएगी। बहुत से रोगी ऐसे होते हैं, जिनका इलाज ढंग से न हो पाने के कारण कैंसर आखिरी स्टेज में पता चल पाता है। रोगी इसे टीबी या वायरल संक्रमण समझा करते हैं।
20 लाख रुपये का है उपकरण
चेस्ट हॉस्पिटल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अवधेश कुमार ने बताया कि इस हाईटेक उपकरण से फेफड़ों का कैंसर और दूसरी बीमारी पता चल जाएगी। ब्रोंकोस्कोपी उपकरण 20 लाख रुपये का है। इस उपकरण से फेफड़ों में होने वाली फफूंदी के संक्रमण का भी पता लग जाएगा। सांस की नली में अगर मूंगफली का दाना या कोई दूसरी चीज चली जाती है तो उसे भी निकाला जा सकेगा।
नाक के जरिये ट्यूब डालकर ठीक किया जा सकता है संक्रमण
डॉ. अवधेश कुमार ने बताया कि पान मसाला खाने की वजह से बहुत से रोगियों का मुंह नहीं खुल पाता है। नाक के जरिये ट्यूब डालकर संक्रमण ठीक किया जा सकता है। इस मशीन के साथ वीडियो थोरेकोस्कॉपी भी है। इससे फेफड़ों की झिल्ली की पहचान करने में आसानी रहेगी।