- सौर ऊर्जा से जगमग कानपुर का रेलवे स्टेशन
- 28 लाख से ज्यादा की बिजली सौर ऊर्जा का इस्तेमाल से बचाई
- 875.59 केवी सौर ऊर्जा उत्पादन के संयंत्र लगाए
Solar Energy In Kanpur Railway Station भारतीय रेलवे ने कानपुर में 28 लाख से अधिक की बिजली सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर बचाई है। एक साल में रेलवे ने अलग-अलग रलवे संस्थानों में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्रों से बिजली के उत्पादन के आधार पर यह बचत की है। इसके अलावा सौर ऊर्जा का इस्तेमाल कर वातावरण में कार्बन उत्सर्जन की दर भी कम की है। कानपुर में रेलवे ने 875.59 किलोवाट सौर ऊर्जा उत्पादन के संयंत्र लगाए हैं।
सेंट्रल रेलवे स्टेशन, फजलगंज स्थित इलेक्ट्रिक लोको शेड, इलेक्ट्रिक ट्रेनिंग सेंटर, रनिंग रूम्स, सीटा स्कूल और हॉस्टल, न्यू कोचिंग कॉम्पलेक्स और रेल बाजार स्थित ऑफिसर्स रेस्ट हाउस में लगे पैनलों से रेलवे ने वर्ष 2021 में 962701 किलोवाट ऑवर की।
रेलवे को कम खरीदनी पड़ी बिजली
यानी इतनी बिजली सौर पैनलों से एक घंटे में पैदा वित्तीय वर्ष 2020-21 827082 किलोवाट ऑवर बिजली पैदा हुई थी। इस तरह रेलवे को साल में 2814388 रुपये बिजली कम खरीदनी पड़ी। इससे 809 टन कार्बन का उत्सर्जन कम हुआ। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ. शिव शर्मा ने बताया कि रेलवे लगातार सौर ऊर्जा उत्पादन की दिशा में बढ़ोत्तरी कर रहा है।
सौर ऊर्जा के उपयोग से रेलवे ने 5.01 करोड़ रुपये बचाए
सौर ऊर्जा को लगातार उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) बढ़ावा दे रहा है। इसके सकारात्मक परिणाम भी मिल रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में एनसीआर के प्रयागराज, झांसी और आगरा मंडल में सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से रेलवे ने 5.01 करोड़ रुपये की बचत कर डाली है। आपको बता दें कि इस दौरान एनसीआर ने 124 लाख यूनिट बिजली का उत्सर्जन भी किया।
राजस्व बचत में 26 फीसदी का सुधार
इतना ही नहींअन्य जोनल रेलवे के मुकाबले में एनसीआर ने सौर संयंत्रों की उत्पादकता सबसे ज्यादा रही है। जोन के सीपीआरओ डा. शिवम शर्मा ने बताया कि एनसीआर ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 106 लाख यूनिट ऊर्जा उत्पन्न की थी, यह पिछले वित्तीय वर्ष में बढ़कर 124 लाख यूनिट तक पहुंच गई है। इस साल सौर ऊर्जा के उपयोग से राजस्व बचत में 26 फीसदी का सुधार हुआ है।