- स्वाइन फ्लू के नए वैरियंट की आशंका ने बढ़ाई चिंता
- स्वाइन फ्लू अब किसी खास मौसम का संक्रमण नहीं
- वायरस और बैक्टीरिया पर अब मौसम का असर नहीं
Swine Flu In Kanpur: भीषण गर्मी में स्वाइन फ्लू के संक्रमण और उससे हुई मौत से चिकित्सक समुदाय चिंता में है। उनको आशंका है कि वायरस में बदलाव में इसका कारण हो सकता है। स्वाइन फ्लू अब किसी खास मौसम (सर्दी) का संक्रमण नहीं रह गया है। विदेश में लोगों का आना-जाना बढ़ने, ग्लोबल वार्मिंग आदि से म्यूटेशन हुआ है और वायरस का नया वैरिएंट बन गया है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार का कहना है कि वायरस और बैक्टीरिया पर अब मौसम का असर नहीं है।
पहले कुछ खास रोग किसी एक मौसम में फैला करते थे लेकिन अब लोगों का आना-जाना बढ़ गया, जिससे संक्रमण बढ़ रहा है। इसके अलावा वायरस में जीन में म्यूटेशन हो रहा है।
जानवरों के अंदर रहते हैं वायरस
यह ग्लोबल वार्मिंग का भी असर है। इन सबकी वजह से कई संक्रमण हर मौसम में फैल रहे हैं। वहीं डॉ. मुरारीलाल चेस्ट हॉस्पिटल के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर चौधरी ने बताया कि म्यूटेशन से वायरस का नया वैरिएंट तैयार हो जाता है। इसका मिजाज भी बदला हुआ होता है। उन्होंने बताया जानवरों के अंदर वायरस रहते हैं। वह खुद को बदल लेते हैं। सूअर इस मामले में मिक्सी की तरह काम करता है।
तीन साल बाद हुई मौत
आपको बता दें कि स्वाइन फ्लू से कोई मौत तीन साल के बाद हुई है। इससे पहले एक बच्ची की मौत हुई थी। कोरोना काल के दौरान स्वाइन फ्लू का एक भी रोगी हैलट और किसी दूसरे अस्पताल में नहीं आया। निमोनिया, बुखार, खांसी के लक्षण वाले रोगियों के सैंपल भेजे गए लेकिन स्वाइन फ्लू निगेटिव निकले।
सराफा व्यापारी का खंगाला जाएगा पूरा ब्योरा
भीषण गर्मी में पहली बार स्वाइन फ्लू की पुष्टि शहर में हुई है। वैसे इस वक्त मौसमी वायरल संक्रमण भी फैला हुआ है। सीएमओ डॉ. नैपाल सिंह का कहना है कि सराफा व्यापारी की मौत के संबंध में अस्पताल से पूरा ब्योरा लिया जाएगा। व्यापारी के परिजनों और भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के वरिष्ठ प्रदेश महामंत्री ज्ञानेश मिश्रा का कहना है कि रोगी के कहीं बाहर जाने की हिस्ट्री नहीं है। पिछले साल कोरोना भी हुआ था, लेकिन वे इसके बाद पूरी तरह ठीक हो गए थे।