- केडीए के अधीन आने वाले 432 गांवों में जल टैक्स से आशियाना होगा महंगा
- जल टैक्स भी लेआउट पास करने पर वसूला जाएगा
- लेआउट पास होने की डिटेल रिपोर्ट आने पर और स्पष्ट हो होंगी चीजें
Kanpur Water Tax: कानपुर विकास प्राधिकरण के अधीन आने वाली कानपुर नगर, कानपुर देहात और उन्नाव के 432 गांवों में नई आवासीय कॉलोनियां विकसित करने का असर आम लोगों पर पड़ेगा। कानपुर विकास प्राधिकरण इन गांवों में नई आवासीय योजना विकसित करने पर 50 रुपये वर्गमीटर के हिसाब से जल टैक्स भी लेआउट पास करने पर वसूलेगा। यह राशि योजना विकसित करने वाले बिल्डर को चुकानी पड़ेगी। ऐसे में मतलब साफ है कि योजनाओं के भूखंडों से लेकर अपार्टमेंट की राशि में बढ़ोत्तरी हो जाएगी। आशय का प्रस्ताव मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में पास कर दिया गया है। केडीए के अधिकारियों ने बताया कि नई आवासीय योजना में कम से कम 10 हजार वर्गमीटर जमीन की अनिवार्यता है।
शासन का मानना है कि कोई भी आवासीय योजना विकसित करने में भूमिगत जल का दोहन किया जाता है। इस वजह से पहली बार जल मूल्य वसूलने का निर्णय लिया गया है। केडीए के अधिकारियों ने बताया कि अभी लेआउट पास होने की डिटेल रिपोर्ट आने पर और चीजें भी स्पष्ट होंगी।
हर वर्ष 8-10 आवासीय लेआउट होते हैं पास
कानपुर विकास प्राधिकरण से संबद्ध सभी इलाकों से हर वर्ष 12-14 आवेदन नई आवासीय कॉलोनियां विकसित करने का प्रस्ताव आता है। इसमें से 8-10 के लेआउट पास भी होते हैं। कॉलोनियां ज्यादातर शहर के आउटर इलाकों में विकसित हो रही हैं। इस वजह से ही केडीए के अधीन का दायरा आए दिन बढ़ता जा रहा है। केडीए की सीमा में नगर निगम से मिले 227 गांव, शासन से मिले 85 गांव, शुक्लागंज, उन्नाव के 29 गांव, कानपुर देहात के 51 गांव और बाद में अतिरिक्त रूप से मुहैया कराए गए 40 गांव शामिल हैं। केडीए ने 227 गांवों की 46950 एकड़ जमीन को चिह्नित करने की तैयारी शुरू कर दी है।
अब सभी शहरों मे नक्शा पास कराने पर देना होगा जल शुल्क
आपको बता दें कि यूपी की योगी सरकार ने विकास प्राधिकरणों की योजनाओं में भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने पर 50 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से जल शुल्क लेने का निर्णय लिया है। अब से पहले लखनऊ और वाराणसी को छोड़कर ज्यादातर शहरों में जल शुल्क नहीं लिया जा रहा था। इसके लिए आवास विभाग की ओर से तैयार जल शुल्क नियमावली-2022 को यूपी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।