- कानपुर के सिग्नेचर सिटी में बस अड्डे बन कर है तैयार
- बस अड्डे के निर्माण होने के बाद बसों का लोगों को इंतजार
- रोडवेज विभाग के एमडी और आवास विकास के अफसरों के बीच नहीं हो पा रही बातचीत
Signature City Bus Stand in Kanpur: कानपुर शहर में सिग्नेचर सिटी में बस अड्डे का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन बस अड्डे का संचालन अभी तक शुरू नहीं हो सका है। बस अड्डे का निर्माण पूरा होने के दो साल बाद भी बसों का लोगों को इंतजार है। कानपुर शहर में करीब दो साल पहले ही विकास नगर में सिग्नेचर सिटी बस अड्डा बनकर तैयार हो चुका है। दो विभागों की लेनदेन की लड़ाई में बस अड्डा शुरू होने से पहले ही बर्बाद होने लगा है।
वहीं बस अड्डे पर प्रशासनिक भवन और शौचालय बंद पड़े हुए हैं। बस अड्डे पर बने भवन में लगे हुए दरवाजे-खिड़कियां खराब हो रही हैं। बिजली उपकरण जर्जर हो गए हैं। यात्रियों को पीने के पानी के लिए बनाए गए तीन वॉटर बूथ भी खराब हो गए हैं। बिजली का कनेक्शन अभी हुआ ही नहीं है। वहीं सिग्नेचर सिटी की बिजली से लाइट तो जलती है, लेकिन रात के वक्त यहां पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है।
'रकम बढ़ाना समझौते के खिलाफ'
कानपुर विकास प्रधिकरण ने सिग्नेचर ग्रीन्स योजना के तहत विकास नगर में जो फ्लैट बनाए हैं, उसमें रोडवेज की जमीन भी थी। रोडवेज कर्मचारियों के क्वार्टर बने थे। तब रोडवेज के एमडी और आवास विकास के बड़े अफसरों के बीच समझौता हुआ कि, रोडवेज कर्मचारियों के लिए फ्लैट बनाकर देंगे और सिग्नेचर सिटी बस अड्डा बनाकर भी रोडवेज को सौंपे जाने की बात कही गई थी। जमीन के अलावा रोडवेज को खर्च का एक निर्धारित हिस्सा जमा करना होगा। समझौते के तहत इस रकम को रोडवेज ने जमा करा दिया, लेकिन जब सिग्नेचर ग्रीन्स को विकसित करने पर लागत बढ़ी, तो केडीए अब निर्धारित से ज्यादा रकम की मांग कर रहा है। इसको लेकर रोडवेज के एमडी और आवास विकास के अफसरों के बीच बातचीत नहीं बन पा रही है। रोडवेज विभाग का कहना है कि, जो समझौता पहले हो चुका है, अब लागत के नाम पर रकम बढ़ाना समझौते के खिलाफ है।
दो वर्ष से कर रहे हैं अधिकारी निरीक्षण
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क एवं परिवहन निगम में एमडी रहते हुए डॉ. राजशेखर ने बस अड्डे का निर्माण शुरू कराया था। करीब दो वर्ष पहले भी इसे शुरू कराने की योजना थी लेकिन दोनों विभाग के बड़े अधिकारी मान नहीं रहे हैं। वहीं अब डॉ. राजशेखर बतौर कानपुर के मंडलायुक्त रहते हुए केडीए के अध्यक्ष हैं और आरटीए के भी अध्यक्ष हैं, तो इस बस अड्डे को शुरू कराना चाह रहे हैं। डॉ. राजशेखर ने पिछले वर्ष भी इसे शुरू कराने के प्रयास किए थे, जो असफल हुए। उन्होंने विभागीय अफसरों को निर्देशित किया है कि, लेनदेन का मामला हल होता रहेगा, फिलहाल इस बस अड्डे को यात्रियों के लिए जल्द ही शुरू कराया जाना चाहिए। वहीं इस बस अड्डे पर रोडवेज विभाग ने केस्को में करीब डेढ़ लाख रुपये जमा कर कनेक्शन के लिए आवेदन किया है।
बस अड्डा शुरू होने से यात्रियों को मिलेगी राहत
कानपुर के सिग्नेचर सिटी बस अड्डा शुरू होने से जाम की समस्या से राहत मिलेगी। अभी तक लखनऊ जाने के लिए झकरकटी बस अड्डे से वाया रामादेवी, जाजमऊ बसें आती जाती हैं। विकास नगर से रोडवेज बसें बड़ी कर्बला, गंगा बैराज, उन्नाव के ट्रांसगंगा सिटी, सरैया क्रॉसिंग होते हुए लखनऊ-कानपुर राजमार्ग से जाएंगी और आएंगी। इसके अलावा गुरुदेव चौराहा होकर कन्नौज, फर्रुखाबाद रूट से भी बसें आ जा सकती हैं। विकास नगर से कल्याणपुर, नवाबगंज, कंपनी बाग, रैना मार्केट, वीआईपी रोड, तिलक नगर, सिविल लाइंस के लोग भी आ-जा सकेंगे। मंडलायुक्त ने इसे शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। केस्को से कनेक्शन लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है कि, यह बस अड्डे की शुरुआत कब होगी।
'परिवहन विभाग को दिया गया है रिमाइंडर'
केडीए के अधिशासी अभियंता मनोज उपाध्याय ने बताया कि, कानपुर के विकास नगर डिपो में अनुबंध के तहत सभी कार्य पिछले वर्ष पूरे करा दिए गए हैं। पिछले वर्ष परिवहन निगम की अपर प्रबंधक निदेशक सरनीत ने निरीक्षण के दौरान कुछ अन्य कार्य कराने को कहा था, वे काम भी कराने के बाद परिवहन विभाग को इस डिपो को हैंडओवर करने के लिए पत्र लिखा गया रिमाइंडर भी दिया गया है।