- हैलट के बालरोग विभाग में होंगे विश्वस्तरीय शोध
- प्रदेश का रिसर्च हब बनाया जाएगा हैटल अस्पताल
- शून्य से लेकर एक साल तक के बच्चों और बीमारियों पर होंगे शोध
Kanpur News: कानपुर के हैलट अस्पताल के बालरोग विभाग में विश्व स्तरीय शोध होंगे। बालरोग अस्पताल को प्रदेश का रिसर्च हब बनाया जाएगा। इसमें शून्य से लेकर एक साल तक के बच्चों और बीमारियों पर शोध किए जाएंगे। बिलग्रेड फाउंडेशन की ग्लोबल हेड हेमा मेगे ने बुधवार को बालरोग अस्पताल का निरीक्षण किया। इसके साथ ही एनआईसीयू जाकर व्यवस्थाएं देखीं। विश्वस्तरीय शोध के लिए बिलग्रेड फाउंडेशन फंड भी उपलब्ध कराएगा।
निरीक्षण के बाद मेगे ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज जाकर प्राचार्य डॉ. संजय काला से वार्ता की। इस मौके पर प्राचार्य ने मेगे को श्रीमद्भागवत गीता की प्रति भेंट की। बालरोग अस्पताल को शोध हब बनाने का मुख्य उद्देश्य नवजात और शिशुओं की मृत्यु दर न्यूनतम करना है।
अस्पताल को बनाया जाएगा सेंटर आफ एक्सीलेंस
बच्चों की मृत्यु की जो भी बीमारियां कारण होती हैं, उन पर शोध होगा और रोकथाम की जाएगी। प्राचार्य डॉ. काला ने बताया कि अस्पताल को सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। बालरोग विभागाध्यक्ष डॉ. यशवंत राव ने बताया कि बच्चों के सभी प्रकार के रोगों पर शोध होगा। मेगे यहां की स्थिति से संतुष्ट रहीं और तारीफ की।
कानपुर में अनाज की पौष्टिकता और गंभीर बीमारियों पर होगा शोध
वहीं, कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अनाज की पौष्टिकता और गंभीर बीमारियों पर शोध करने के लिए लैब बनेगी। इसमें गेहूं, चावल और दूसरे अनाजों की पौष्टिकता की जांच की जाएगी। इसके साथ ही मिल वालों को सलाह दी जाएगी कि अनाज की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए क्या करें? जरुरत पड़ने पर मिल के स्टाफ को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। मलेरिया और दूसरे रोगों के इलाज को अनाजों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए जल्द काम शुरू होगा। मेडिकल कॉलेज में बनने वाली लैब में खाने-पीने की चीजों पर ज्यादा शोध किया जाएगा। इसको लेकर एनजीओ पाथ के इंडिया हेड को ई-मेल भेजा गया है। एनजीओ से करार किया जाएगा।
लैब में खाने की चीजों की होगी जांच
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि अनाज को दवा से 'फोर्टिफाई किया जा सकता है। कॉलेज प्रबंधन ने लैब के संबंध में एनजीओ पाथ के इंडिया हेड को ई-मेल भेजा है। यह एनजीओ इसके पहले किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ से करार कर चुका है। प्राचार्य ने बताया कि लैब में खासतौर पर खाने की चीजों की जांच होगी। इन्हें पौष्टिकता से समृद्ध किया जाएगा। इससे बच्चों के संबंधित बीमारियों को दूर करने में मदद मिलेगी।