- बच्चों को मोबाइल फोन और वीडियो गेम्स से रखें दूर
- बच्चों के एकाग्रता में सुधार और वृद्धि के लिए बाजार से लाएं मेमोरी बूस्टिंग गेम्स
- बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है
नई दिल्ली: किसी एक चीज पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी की समस्या ना केवल बड़े को ही होती है बल्कि बच्चे भी इस समस्या से ग्रस्त रहते हैं। आपने अक्सर घर में बच्चों पर गौर किया होगा कि बच्चे पढ़ते-पढ़ते पेंसिल से किताब पर ड्राइँग बनाना शुरु कर देते हैं यानि वह किसी एक चीज पर ज्यादा देर तक फोकस नहीं कर पाते।
दरअसल यह उनके एकाग्रता में कमी के कारण होता है। बाल विशेषज्ञ के अनुसार 4 से 5 साल के बच्चे को किसी एक कार्य पर कम से कम 2 से 5 मिनट तक फोकस करना चाहिए। यदि आपका बच्चा किसी एक चीज पर निर्धारित समय के अनुसार फोकस करने में असमर्थ रहता है तो उसके एकाग्रता में कमी है। ऐसे में आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि बच्चों के एकाग्रता को सुधारने और इसमें वृद्धि के लिए बहुत से कारक हैं। आइए इन्हें विस्तार से जानते हैं।
मोबाइल फोन से रखें दूर:
टेलीविजन, मोबाइल और वीडियो गेम्स बच्चों के एकाग्रता में सबसे बड़े बाधक हैं। इससे उनका ध्यान एक जगह टिक नहीं पाता। इसलिए मोबाइल फोन औऱ वीडियो गेम्स बच्चों के आसपास ना रखें और कोशिश करें कि बच्चे इसमें व्यस्त ना रहें। आजकल देखा जाता है कि माता पिता अपने किसी काम को करने के लिए बच्चों को मोबाइल फोन या वीडियो गेम दे देते हैं जिससे बच्चे उन्हें डिसटर्ब ना करें, लेकिन एक समय में यह आपकी मुसीबत की जड़ भी बन सकता है। इससे आपके बच्चे की एकाग्रता में कमी होती है, वह किसी कार्य में अपना ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ रहता है।
मेमोरी बूस्टिंग गेम्स:
आजकल बाजार में ऐसे कई गेम्स उपलब्ध हैं जो बच्चों के एकाग्रता को सुधारने में मदद करते हैं और एकाग्रता में वृद्धि करते हैं। इन गेम्स को बच्चों के मेमोरी में वृद्धि व एकाग्रता में सुधार के लिए बनाया गया है ताकि वह अधिक समय तक अपना ध्यान केंद्रित कर सकें। नंबर मिसिंग गेम, पहेली और कार्ड गेम ऐसे कई तरह के गेम बाजार में उपलब्ध होते हैं। लेकिन ध्यान रहे बच्चे को गैजेट्स ना दें क्योंकि कई अध्ययनों के मुताबिक यह बच्चों के मेमोरी को कमी कर सकता है।
मेडिटेशन:
मेडिटेशन केवल बड़ों के लिए ही फायदेमंद नहीं होता बल्कि यह बच्चों के लिए भी उतना ही लाभदायक होता है। अपने बच्चे को प्रतिदिन 10 से 12 मिनट मेडिटेशन के लिए प्रोत्साहित करें, इससे आपके बच्चे के एकाग्रता में वृद्धि होती है। यदि आप बचपन से ही यह आदत बच्चों में विकसित करेंगे तो आगे चलकर मेडिटेशन करना उनकी आदत हो जाएगी। इसके लिए कई तरह के मेडिटेशन होते हैं जैसे सिंगिंग, मंत्रोच्चारण आदि लेकिन कोशिश करें कि अपने साथ बच्चे को व्यायाम के लिए प्रोत्साहित करें। यह बच्चे के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है।
एक प्रॉपर रूटीन को फॉलो करें:
बच्चों के लिए एक टाइम टेबल बनाएं। बच्चों के शारीरिक औऱ मानसिक विकास के लिए हर एक दिन महत्वपूर्ण होता है। एक प्रॉपर रूटीन को फॉलो कर हर दिन एक ही समय पर एक ही काम करने से बच्चे में इसकी आदत विकसित होगी। जैसे बच्चे को एक ही समय पर उसका होमवर्क बैठकर करने के लिए कहें, एक ही समय पर उसे खेलने के लिए भेजे। ऐसा करने पर धीरे-धीरे यह उसकी आदत में विकसित हो जाएगा और एक ही कार्य करने के लिए उसे बार-बार नहीं कहना पड़ेगा। इस तरह बच्चों के एकाग्रता को सुधारा जा सकता है।
लंबी एक्टिविटी ना करवाएं:
बच्चों की लंबी एक्टिविटी पर रोक लगाएं यानि बच्चों से कोई ऐसी एक्टिविटी ना करवाएं, जो उसे लंबे समय तक करना पड़े। क्योंकि एक ही कार्य को लंबे समय तक करने पर बच्चा बोर हो जाता है। जैसे पढ़ाई के लिए या ड्राइंग वर्क के लिए एक सीमित समय रखें। इससे बच्चों के एकाग्रता में रुकावट नहीं पैदा होती और बच्चों के कॉन्सनट्रेशन लेवल में वृद्धि होती है। इन तरीकों से आप बच्चों के एकाग्रता में सुधार कर सकते हैं