- ध्यान लगाने की प्रक्रिया को मेडिटेशन कहा जाता है
- ध्यान योग का महत्वपूर्ण अंग है जो तन, मन और आत्मा के बीच संबंध बनाता है
- आसन के साथ मेडिटेशन करने पर ही दिमाग व आत्मा को शांति मिलती है
ध्यान करने की कला को ही मेडिटेशन कहते हैं। ध्यान मुद्रा में बैठकर मन को एकाग्र करने की कोशिश और अपने आप को आत्मा से कनेक्ट करने की प्रक्रिया ही मेडिटेशन कहलाती है। इस प्रक्रिया में शरीर को काफी एनर्जी मिलती है। ध्यान योग का महत्वपूर्ण अंग है जो तन, मन और आत्मा के बीच संबंध बनाता है।
मेडिटेशन करने के कई तरीके हैं और हर किसी के अपने-अपने फायदे हैं। आप चलते-चलते भी मेडिटेट कर सकते हैं, बैठेकर भी मेडिटेट कर सकते हैं और खड़े होकर भी मेडिटेट कर सकते हैं। जानते हैं सबसे अच्छा मेडिटेशन पोजीशन क्या होता है और मेडिटेशन में पोस्चर कितना मायने रखता है-
जब मेडिटेशन की बात की जाती है तो सबसे पहले आसन की बात की जाती है। क्योंकि आसन के साथ मेडिटेशन करने पर ही दिमाग व आत्मा को शांति मिलती है व शरीर को रिलैक्स मिलता है। बता रहे हैं इसके चार तरीके-
सिटिंग पोजीशन
पैरों को क्रॉस करके सामान्य अवस्था में बैठ जाएं। ये मेडिटेशन की सबसे सामान्य सी विधि है। जब आप सिटिंग पोजीशन कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि आप आरामदायक जगह पर बैठे हों। ऐसा इंतजाम करें कि आपके हिप्स आपके घुटनों से उंची रहे। इससे आपके पैरों में झुनझुनाहट नहीं होगी। अगर आप जमीन पर बैठने में कंफर्टेबल नहीं हैं तो आप कुर्सी पर भी बैठ सकते हैं। अपनी पीठ सीधी करके कुर्सी के टिक कर बैठ जाएं और अपने दोनों हाथों को पैरों पर रखें।
अगर आप सिटिंग पोजीशन पर मेडिटेशन कर रहे हैं तो आपके इन सात चीजों पर विशेष रुप से ध्यान देना होगा। ये सात चीजें हैं- आपके बैठने की जगह, आपकी रीढ़ की हड्डी जो सीधी होनी चाहिए, आपकी दोनों हथेलियां जो आपके दोनों घुटने को टच करनी चाहिए, कंधा-इसे रिलैक्स रखें स्ट्रेच ना करें, ठुड्डी को पूरी सीधी भी ना रखें 20 डिग्री गर्दन की तरफ झुकी होनी चाहिए ताकि इस पर तनाव ना पड़े, अपने जबड़ों को रिलैक्स करें, अपनी आंखों को बंद रखें।
घुटनों के बल मेडिटेशन
घुटने जमीन में टिकाकर और पीठ सीधी करके स्ट्रेट पोजीशन में बैठकर भी मेडिटेशन किया जा सकता है। इस दौरान अपने दोनों हथेलियों को अपने जांघों पर रखें। अगर आप सिटिंग पोजिशन में मेडिटेट नहीं करना चाहते हैं तो आप इस तरह से भी मेडिटेशन कर सकते हैं। ध्यान रखें कि इस दौरान आप अपने बॉटम के नीचे कुशन रख लें। अपने घुटनों के नीचे मैट रख लें। अपने बाजुओं को रिलैक्स रखें। गर्दन को भी रिलैक्स रखें और आंखों को बंद कर धीरे-धीरे सांस अंदर की तरफ लें और फिर थोड़ी देर में बाहर की तरफ छोड़ें।
लेटकर किया जाने वाला मेडिटेशन
कुछ लोग लेटकर भी मेडिटेशन करते हैं। लेकिन इसमें आपको इमानदार होने की जरूरत है। अगर आपको सोते हुए नींद आने लगती है तो आपको ऐसे में सिटिंग या घुटनों के बल मेडिटेशन करना चाहिए।
इसके लिए एक कंफर्टेबल जगह पर पीठ के बल लेट जाएं। अगर चाहें तो सिर के नीचे तकिया रख लें या फिर घुटने के नीचे कुशन रख लें ताकि आपके स्पाइन पर कोई दबाव ना पड़े। पैरों को स्ट्रेच करें। अपने हाथों को दोनों तरफ रख कर या फिर अपने पेट पर या फिर छाती पर रखकर अपनी मर्जी के मुताबिक रखकर कंफर्टेबल हो जाएं।
स्टैंडिंग मेडिटेशन
शरीर को सीधा करके खड़े होकर भी आप मेडिटेट कर सकते हैं। कभी-कभी शरीर के किसी हिस्से में दर्द या तकलीफ होने के कारण बैठने में दिक्कत होती है ऐसे में स्टैंडिंग मेडिटेशन कर सकते हैं।