मुख्य बातें
- मोहब्बत के एहसास पर बेशुमार शेर कह गए हैं
- बड़े शायरों ने इश्क के हर रंग पर लिखा है
- क्या आपने मोहब्बत पर ये मशहूर शेर पढ़े हैं
मोहब्बत या इश्क एक ऐसा एहसास है, जिसे फनकारों ने अपने-अपने अंदाज में बयां किया है। साहित्यकारों ने जहां अपनी किताबों में मोहब्बत पर लिखा वहीं फिल्ममेकर्स ने पर्दे पर इसके तमाम पहलू दिखाने की कोशिश की। कहा जाता है कि इश्क ऐसी चीज है, जिसपर बात कभी खत्म हो ही नहीं सकती, क्योंकि बदलते वक्त के साथ नए-नए नजरिए सामने आते रहते हैं। मोहब्बत के एहसासों को शायरों और कवियों ने भी जमकर कलमबंद किया है। उन्होंने अपनी शायरी में इश्क को भरपूर जगह दी है। आइए एक नजर डालते हैं बड़े शायरों के कुछ मशूहर अशआर पर।
- क्या कहूं तुम से मैं कि क्या है इश्क़
जान का रोग है बला है इश्क
(मीर तकी मीर) - रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ
(अहमद फराज) - उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है
(राहत इंदौरी) - मुझे अब तुम से डर लगने लगा है
तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या
(जौन एलिया) - न पूछो हुस्न की तारीफ हम से
मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है
(आदिल फारूकी) - मोहब्बत की तो कोई हद, कोई सरहद नहीं होती
हमारे दरमियां ये फासले, कैसे निकल आए
(खालिद मोईन) - इक रोज खेल खेल में हम उस के हो गए
और फिर तमाम उम्र किसी के नहीं हुए
(विपुल कुमार) - हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएंगे
अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ
(कतील शिफाई) - उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए
(बशीर बद्र) - सौ चांद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी
तुम आए तो इस रात की औकात बनेगी
(जां निसार अख्तर) - इलाज अपना कराते फिर रहे हो जाने किस किस से
मोहब्बत कर के देखो ना मोहब्बत क्यूं नहीं करते
(फरहत एहसास) - एक चेहरा है जो आंखों में बसा रहता है
इक तसव्वुर है जो तन्हा नहीं होने देता
(जावेद नसीमी) - होश वालों को खबर क्या बेखुदी क्या चीज है
इश्क कीजे फिर समझिए जिंदगी क्या चीज है
(निदा फाजली) - मांग लूं तुझ से तुझी को कि सभी कुछ मिल जाए
सौ सवालों से यही एक सवाल अच्छा है
(अमीर मीनाई) - इश्क की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही
दर्द कम हो या ज्यादा हो मगर हो तो सही
(जलाल लखनवी)