- आज के दौर में बोलना बेहद जरूरी है
- बिना बोले सफलता हासिल करना मुश्किल होता है
- हर किसी को अपनी बात रखने के लिए बोलना पड़ता है
how to get rid of children's hesitation: बच्चे काफी शरारती होते हैं और अपनी शरारत की वजह से वह हर किसी के साथ घुल मिल जाते हैं और बेबाक से अपनी बात कहते हैं, लेकिन कुछ बच्चे ऐसे होते हैं जो लोगों के बीच बोलने से घबराते हैं। वे अपनी बात किसी और के सामने रखने से डरते हैं और शांत बैठे रहते हैं। ऐसे बच्चों को पब्लिक स्पीकिंग कॉमन फोबिया होता है। ऐसे बच्चे लोगों के साथ कम घुलना मिलना पसंद करते हैं और अपनी बात किसी के भी सामने रखने से घबराते हैं। आज के दौर में बोलना बेहद जरूरी है। बिना बोले सफलता हासिल करना मुश्किल होता है। हर किसी को अपनी बात रखने के लिए बोलना पड़ता है। बच्चों की ना बोलने की आदत पेरेंट्स के लिए काफी चिंता का विषय होती है। ऐसे में इन टिप्स को फॉलो करके बच्चे में कॉन्फिडेंस बढ़ा सकते हैं, ताकि वह दूसरे के सामने खुलकर अपनी बात रख सकें।
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बच्चों से करें बड़े वाक्य वाले सवाल
किसी भी विषय में अपने बच्चे से बातचीत करें। अगर वह दूसरों के सामने बोलने में डर रहा है तो आप खुद उससे सवाल करें ताकि वह आपके सवालों का जवाब दे सकें। बच्चों से ऐसे सवाल करें जिसका जवाब उन्हें बड़े-बड़े वाक्यों में देना पड़े। इससे बच्चों के अंदर झिझक कम होगी और कॉन्फिडेंस बढ़ेगा।
कैरेक्टर की नकल करने को बोले
किसी भी कार्टून या शो को दिखा कर बच्चों को उस कैरेक्टर की नकल करने को कहें। उसके डायलॉग बोलने के लिए बोले। इस तरह बच्चों की फन एक्टिविटीज भी हो जाएगी और वह धीरे धीरे बोलना भी सीखेंगे और उनके अंदर शर्म और झिझक खत्म हो गई।
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कंफर्टेबल फील करवाएं
अगर बच्चा शर्मीला है या किसी दूसरे से बातचीत करने में घबराता है तो ऐसे में बच्चों को सबसे पहले कंफर्टेबल फील करवाइए। इसके अलावा नए दोस्त बनवाएं। नए दोस्त बनाने के लिए बच्चों को बुलाकर घर में छोटी सी पार्टी करवा लीजिए। इससे आपका बच्चा अनजान लोगों से मिलेगा तो उसके अंदर की घबराहट कम होगी।