- मॉनसून ने पूरे देश में दस्तक दे दी है
- बारिश के मौसम में खाने-पीने की चीजों पर विशेष ध्यान देना चाहिए
- दूध, पालक, नॉनवेज इन सब चीजों से परहेज करना चाहिए
मॉनसून ने भारत में दस्तक दे दी है और हर जगह बारिश का मौसम शुरू हो गया है। बारिश के कारण मौसम में नमी बनी रहती है जो शरीर के लिए हमारे हेल्थ के लिए कई तरह के नुकसानदेह भी हो सकता है। बारिश के मौसम में स्किन से जुड़ी बीमारियां, श्वास से जुड़ी बीमारियां समेत कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान वातावरण में नमी बनी रहती है जिससे कई चीजों में इन्फेक्शन होने का खतरा बना रहता है।
नमी के कारण कई फूड प्रोडक्ट में भी फंगस लगने का डर रहता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदेह साबित हो सकता है। आज हम आपको मॉनसून में परहेज किए जाने वाले फूड प्रोडक्ट के बारे में बताएंगे ताकि आप अपने स्वास्थ्य का विशेष खयाल रख सकें। कहा भी जाता है कि बारिश के मौसम में दूध पालक जैसी चीजों के सेवन से बचना चाहिए।
बैंगन
बैंगन का चोखा खास तौर पर लोगों को खूब पसंद होता है। लेकिन बरसात के मौसम में आपको अपनी इच्छा पर काबू रखना चाहिए क्योंकि बरसात के मौसम में बैंगन में कीड़े होने के चांसेस रहते हैं जो आपके स्वास्थ्य को खराब कर सकते हैं। इसे खाने से पेट दर्द और अन्य कई प्रकार की बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।
दूध
कहा जाता है कि बरसात के मौसम में दूध नहीं खाना पीना चाहिए क्योंकि सावन के महीने में शिव जी के उपर इसे चढ़ाया जाता है। हालांकि ये सब तो अंधविश्वास की चीजें हैं लेकिन वास्तविक कारण ये है कि बारिश के मौसम में गायों और पशुओं को खिलाया जाने वाला चारा बैक्टीरिया और कीटाणुओं से भरा होता है जिसके कारण दूध भी पूरा शुद्ध नहीं आता है। इसी खतरे को देखते हुए बरसात के मौसम में दूध के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है।
पालक
पालक में भी बरसात के मौसम में कीटाणु, वायरस और बैक्टीरिया के होने का खतरा बढ़ जाता है। ये कीटाणु बैक्टीरिया नगण्य आंखों से तो नहीं नजर आते हैं लेकिन ये आपके स्वास्थ्य को खराब करने के लिए काफीहोते हैं। पालक की खेती में हानिकारक कीटनाशक का भी प्रयोग किया जाता है जिसका असर भी धूप की कमी के कारण कम नहीं होता है और अंत में ये हमें बीमार बना देता है।
नॉनवेज
बरसात के मौसम में जिस प्रकार पालक और दूध में कीटाणु और बैक्टीरिया के होने का खतरा होता है उसी प्रकार के नॉनवेज में भी जैसे कि मीट, मांस-मछली में भी बैक्टीरिया और हानिकारक कीटनाशकों का खतरा बढ़ जाता है। इसके सेवन से फूड एलर्जी भी हो सकती है।
तला भुना
बरसात के मौसम में तली-भुनी चीजें खाने से भी परहेज करना चाहिए। तली भुनी चीजें खाने से पेट में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। खास तौर पर बाहर का सामान खाने से परहेज करना चाहिए इससे डायरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।