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Minto Hall Bhopal: भोपाल की खूबसूरती बयां करता मिंटो हॉल, 24 साल में इतनी रकम से बनकर हुआ था तैयार

Updated Jan 30, 2021 | 12:14 IST

यदि आप भी भोपाल जाने की योजना बना रहे हैं तो मिंटो हॉल को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें। अंग्रेजी शासन, नवाबी हुकुमत और लोकतंत्र शासन की गाथाएं आज भी इसकी दर-ओ-दीवार पर पढ़ी जा सकती हैं।

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Minto Hall, Bhopal
मुख्य बातें
  • 12 नवंबर 1909 को भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड मिंटो ने रखी थी इस इमारत की नींव
  • 1909 द क्राउन ऑफ भोपाल’ की खूबसूरती को देख आप दंग रह जाएंगे

Mp Tourism About Minto Hall: भोपाल की खूबसूरती लफ्जों मे बयां करना काफी मुश्किल है। देश के दिल में बसे भोपाल की खूबसूरती पर कुदरत खुलकर मेहरबान रही। भोपाल के विकास में बेगमों ने अहम भूमिका निभाई। यह शहर कला, वास्तुकला और संस्कृति के क्षेत्र में सर्वोपरि है। सौ साल से भी ज्यादा पुराना मिंटो हॉल और इस्लाम नगर इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं।

आपको बता दें अंग्रेजी हुकुमत, नवाबी शासन के दौर और लोकतंत्रीय शासन का साक्षी रहा मिंटो हॉल अब कन्वेंशन सेंटर के रूप मे तबदील हो गया है। लेकिन अंग्रेजी शासन, नवाबी हुकुमत और लोकतंत्र शासन की गाथाएं आज भी इसकी दर-ओ-दीवार पर पढ़ी जा सकती हैं। आज भी यह भवन अपनी खूबसूरती से यहां पर आने वाले पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। यदि आप भी भोपाल जाने की योजना बना रहे हैं तो मिंटो हॉल को देखना ना भूले। ऐसे में आइए जानते हैं मिंटो हॉल के बारे में कुछ खास बातें।

लॉर्ड मिंटो को खुश करने हुआ निर्माण

मिंटो हॉल की नींव 12 नवंबर 1909 को रखी गई थी। साल 1909 में भारत के तात्कालीन वायसराय लॉर्ड मिंटो भोपाल आए। उन्हें उस समय राजभवन में रुकवाया गया था लेकिन वायसराय वहां की व्यवस्था देखकर काफी नाराज हुए। इसे देखते हुए तत्कालीन नवाब सुल्तानजहां बेगम ने आनन फानन में एक हॉल बनवाने का निर्णय लिया और इसकी नींव वायसराय लॉर्ड मिंटो से रखवाई। कहा जाता है उन्हीं के नाम पर इस हॉल का नाम मिंटो हॉल रखा गया। इस इमारत को बनने में करीब 24 साल लगे और इस इमारत की संरचना शाहजहां बेगम के बेटे नवाब हमीदुल्ला खान ने पूरी की। इतनी भव्य औऱ सुंदर इमारत के निर्माण में उस समय कुल 3 लाख रूपये लगे थे। जिसके मुख्य आर्किटेक्ट एसी रोवन थे, जिन्होंने इस इमारत को आलीसान बनाया।

मध्यप्रदेश राज्य का विधानसभा हॉल

भोपाल की तत्कालीन शासक नवाब सुल्तान जहां बेगम की इस इमारत का इस्तेमाल गेस्ट हाउस के रूप में कम हुआ, जिसके लिए इसे बनाया गया था। यह साल 1956 में मध्यप्रदेश के गठन के बाद मध्यप्रदेश सरकार का विधानसभा भवन बन गया। इसके बाद 1996 में नया भवन बनने के बाद विधानसभा भवन उसमें शिफ्ट हो गया। फिर यह राज्य की सेना का मुख्यालय, आर्थिक सलाहकार और पुलिस मुख्यालय के रूप में इसका इस्तेमाल होता रहा। इसमें होटल खोलने की घोषणा की गई थी, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण अब इसे कन्वेंशन सेंटर के रुप में तबदील कर दिया गया है।

पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र

यदि आप भोपाल जाते हैं तो मिंटो हॉल की खूबसूरती को देखना ना भूलें। यह झीलों से घिरे भोपाल की खूबसूरती में चार चांद लगाता है। इस हॉल को किसी सम्मेलन, दावत समारोह आदि के लिए प्रयोग किया जाता है। इस हॉल में करीब 1100 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। यहां पर लिफ्ट की सुविधाएं भी मौजूद हैं। इसमें मुख्य हॉल के साथ ऑडियो वीडियो सिस्टम, फायर फाइटिंग और आधुनिक एयर कंडीशनर भी लगाए गए हैं। आज भी यह हॉल पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। यदि आप भोपाल की सैर की योजना बना रहे हैं तो मिंटो हॉल को अपनी सूची में अवश्य शामिल करें।'

इस रेस्टोरेंट में जाना ना भूलें

मिंटो हॉल के इस रूफटॉप रेस्टोरेंट की खूबसूरती को देख आप दंग रह जाएंगे। यहां से चारो तरफ झीलों और पहाड़ियों से घिरे भोपाल का मनोरम दृश्य देख आप मंत्रमुग्ध हो उठेंगे। यह स्थान भोपाल की खूबसूरती का जीवंत उदाहरण है। यहां पर आप शानदार दृश्यों के साथ टेंटलाइजिंग भोजन का भी आनंद ले सकते हैं। भोपाल के इस शानदार रेस्टोरंट का नाम ‘’1909 द क्राउन ऑफ भोपाल’, इस रोमांटिक माहौल के बीच आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ यहां पर मजेदार शाम व्यतीत कर सकते हैं।