प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 अप्रैल की सुबह देश के नाम संबोधन देने आए। इस दौरान उन्होंने 3 मई तक देशभर में लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने जब संबोधन की शुरुआत की तो उनके चेहरे पर गमछा बंधा हुआ था। सबसे पहले पीएम ने हाथ जोड़कर देशवासियों से नमस्कार किया और फिर मुंह से गमछा हटाया। इस तरीके से प्रधानमंत्री ने देशवासियों को कोरोना के दौरान अपनी और दूसरों की सुरक्षा करने का संदेश दिया।
प्रधानमंत्री ने यह सांकेतिक प्रदर्शन इसलिए किया ताकि चेहरे को ढकने को लेकर आम देशवासी जागृत हों और इसके महत्व को समझें। कोरोना (COVID 19) जैसी महामारी से बचने का एक उपाय सजगता और जागरूकता ही है। खुद को और अपने आसपास साफ सफाई रखकर इस महामारी के संक्रमण को रोका जा सकता है।
प्रधानमंत्री इससे पहले राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में भी गमछा के साथ नजर आए थे। वह लोगों से लगातार अपील कर रहे हैं कि अगर मास्क उपलब्ध नहीं है तो घर पर बना मास्क या गमछा का इस्तेमाल करें। पीएम ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई, बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। आपकी तपस्या, आपके त्याग की वजह से भारत अब तक, कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक टालने में सफल रहा है।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों द्वारा उठाई गई सजगता की सराहना भी की। उन्होंने कहा- आज पूरे विश्व में कोरोना वैश्विक महामारी की जो स्थिति है, आप उसे भली-भांति जानते हैं। अन्य देशों के मुकाबले, भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए, आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी।