- इलाहबाद में संगम किनारे स्थित है हनुमान जी का एक अनूठा मंदिर।
- जवाहर प्लेनेटोरियम में पा सकते हैं ग्रहों और नक्षत्रों से संबंधित जानकारी।
- प्रयागराज में कंपनी पार्क पर उठाएं बोटिंग का लुत्फ।
नई दिल्ली: इलाहबाद धार्मिक नगरी होने के साथ ऐतिहासिक शहर भी है, जहां पर सम्राट अशोक द्वारा बनवाया ऐतिहासिक किला मौजूद है। उत्तर प्रदेश की न्यायिक राजधानी के नाम से देश दुनिया में मशहूर कुंभ नगरी प्रयागराज, तीर्थराज के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें यह त्रिवेणी संगम गंगा, यमुना और सरस्वती तीनों नदियों का मिलन स्थल है। तीनों नदियों के मिलने से यहां पर नदी का पानी तीन रंगों में प्रवाहित हो जाता है। इस नदी को लेकर मान्यता है कि यहां पर स्नान करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है।
यहां पर हर 12 वें वर्ष विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है। जिसमें देश विदेश से लाखो-करोड़ों की संख्या में भक्तगण और पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। इलाहबाद धार्मिक नगरी होने के साथ ऐतिहासिक शहर भी है, जहां पर सम्राट अशोक द्वारा बनवाया ऐतिहासिक किला भी मौजूद है।
ऐसे में यदि आप भी उत्तर प्रदेश में घूमने की योजना बना रहे हैं तो इलाहबाद जाना ना भूलें। इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम आपको कम खर्चे में घूमने के लिए इलाहबाद के कुछ धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों से रूबरू करवाएंगे। जिसे जानने के बाद आप इसे देखने के लिए बेताब हो उठेंगे।
संगम:
प्रयागराज जंक्शन से कुछ ही दूरी पर संगम नदी स्थित है। यहां पर आप मां गंगा, यमुना और सरस्वती के आपसी मिलन को देख सकते हैं। यह अद्भुत नजारा देख आप मंत्रमुग्ध हो उठेंगे। ऐसे में यदि आप प्रयागराज घूमने की योजना बना रहे हैं तो इस स्थान को अपनी सूची में शामिल करना ना भूलें। आपको बता दें इलाहबाद रेलवे स्टेशन से संगम की दूरी मात्र कुछ ही देर की है। यहां पर आप ऑटो व रिक्शे के माध्यम से मात्र 7 से 10 रूपये में पहुंच सकते हैं। रास्ते में पड़ने वाले खेत खलिहान का शानदार दृश्य वास्तव में आपको जन्नत का एहसास कराएगा।
बड़े हनुमान जी का मंदिर:
धर्म की नगरी इलाहबाद में संगम किनारे शक्ति के देवता हनुमान जी का एक अनूठा मंदिर है। यह पूरी दुनिया में अनूठा मंदिर है जहां पर बजरंगबली की लेटे हुए प्रतिमा का पूजा की जाती है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि संगम का पूरा पुण्य यहां पर हनुमान जी के दर्शन के बाद ही पूरा होता है। आपको बता दें प्रयागराज जंक्शन से बड़े हनुमान जी का मंदिर मात्र 12 मिनट की दूरी पर स्थित है। यहां पर आप संगम में स्नान कर हनुमान जी के दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं।
नास्ता व खानपान कहां करें:
बड़े हनुमान जी के मंदिर और संगम के दर्शन के बाद आप नास्ता करने के लिए स्ट्रीट फूड का स्वाद ले सकते हैं। वास्तव में यहां पर लगी समोसे, कचौड़ी, आलू चाट के स्वाद का मजा आपको महंगे रेस्टोरेंट की में भी नहीं मिलेगा। नास्ते के बाद आप इलाहबाद के ऐतिहासिक स्थल का नजार देखने के लिए अपनी यात्रा शुरु कर सकते हैं।
आनंद भवन:
जब भी नेहरू-गांधी परिवार के इतिहास का कोई जिक्र छिड़ता है तब आनंद भवन की बात जरूर निकलती है। आपको बता दें प्रयागराज में स्थित आनंद भवन अपनी चारदीवारी में एक परिवार, एक पार्टी और एक देश के संघर्ष को समेटे खड़ा है। आज इस भवन को संग्रहालय के रूप में तबदील कर दिया गया है। ऐसे में यदि आप प्रयागराज की सैर करने की योजना बना रहे हैं तो इस स्थान को अपने पर्यटन स्थल में जरूर शामिल करें। आपको बता दें इस संग्रहालय को देखने के लिए कोई भी शुल्क नहीं है।
जवाहर प्लेनेटोरियम:
जवाहर भवन आनंद भवन परिसर में स्थित है। लेकिन यहां पर जाने के लिए टिकट लेना पड़ता है। प्लेटोरियम का जवाहर लाल नेहरू स्मारक फंड द्वारा 175 में करवाया गया था। इसमें आप ग्रहों और नक्षत्रों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
आजाद पार्क:
शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क के नाम से मशहूर इसे कम्पनी पार्क भी कहा जाता है। आपको बता दें यह वही पार्क है जहां पर चंद्रशेखर आजाद जी ने फिरंगियों के सामने समर्पण किए बगैर खुद को गोली मार ली थी। बता दें यह पार्क इलाहबाद का सबसे बड़ा पार्क है। इस पार्क में एक कोने पर चंद्र शेखर आजाद जी की मूर्ती लगी है और पार्क में एक छोटी सी झील भी मौजूद है। जहां पर आप बोटिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं। यह पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण केंद्र है।
इलाहबाद म्यूजियम:
इलाहबाद म्यूजियम कम्पनी पार्क से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है। यहां पर आप पैदल यात्रा कर भी पहुंच सकते हैं। यह एक राष्ट्रीय संग्रहालय है। इस संग्रहालय में गांधी जी के जीवन से जुड़ी दुर्लभ वस्तुओं और तस्वीरों का भी संग्रह है। इस संग्रहालय में एक ट्रक भी रखा गया है। जिसमें गांधी जी की अस्थियों को संगम में प्रवाहित करने के लिए लाया गया था।
स्वराज भवन:
स्वराज भवन आनंद भवन परिसर से बिल्कुल सटा हुआ है। यहां पर आनंद भवन वाले टिकट से सैर कर सकते हैं। जिसमें अंग्रेजों द्वारा प्रयोग की जाने वाली पुरानी बग्घियां और तस्वीरें रखी हुई हैं।