Sindhu Darshan Festival 2022: सिंधु दर्शन महोत्सव भारत में सिंधु नदी के तट पर मनाया जाता है। इस दिन भारत के विभिन्न हिस्सों से लोग आकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं। जानकारों के मुताबिक सिंधु दर्शन महोत्सव का आयोजन 1997 से किया जा रहा है। इस दिन सिंधु नदी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। सिंधु दर्शन महोत्सव के कई तरह के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
सिंधु दर्शन फेस्टिवल 2022 कब से शुरू होगा
सिंधु दर्शन फेस्टिवल लेह से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शे मनला में सिंधु नदी के किनारे मनाया जाता है। इस आयोजन को देखने देश भर से सैकड़ों पर्यटक आते हैं। इस महोत्सव में अनेक प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह महोत्सव पूर्णिमा के दिन शुरू हो जाता है। इस बार यह महोत्सव 12 जून से 14 जून के बीच मनाया जाएगा।
सिंधु दर्शन महोत्सव का इतिहास
'सिंधु दर्शन महोत्सव' लेह कस्बे से 15 किलोमीटर की दूरी पर मनाया जाता है। यह महोत्सव 3 दिनों तक मनाया जाता है। यह सिंधु नदी के तट पर सभ्यता और संस्कृति के संगम को दर्शाता है। इस फेस्टिवल में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। आपको बता दें, यह नदी तिब्बत के दक्षिण-पश्चिम भाग से निकलती है और लद्दाख वाले के रास्ते भारत में प्रवेश करती है।
सिंधु दर्शन महोत्सव 2022 समारोह
सिंधु दर्शन महोत्सव भारत का एक त्योहार है, जो हर साल जून में पूर्णिमा के दिन से आयोजित किया जाता है। यह महोत्सव सबसे पहली बार 1997 में शुरू किया गया था। बता दें इस नदी ने ही भारत को अपना नाम दिया है। इस दिन लोग सिंधु नदी की पूजा-अर्चना करके उन्हें धन्यवाद देते हैं। इस त्योहार में शामिल होने वाले लोग अपने राज्य के नदी के पानी से भरे मिट्टी के बर्तन लेकर लाते हैं और उन्हें सिंधु नदी में विसर्जित करते हैं। नदी के तट पर 50 से भी अधिक वरिष्ठ लामा प्रार्थनाओं को अनुष्ठान के रूप में करते हैं।