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Bhutan Trip: शहर के प्रदूषण में घुट रहा दम, तो भूटान की शांत वादियों में घूमने का बनाएं प्‍लान

Updated Nov 22, 2019 | 07:00 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

How to Plan Bhutan Trip : विदेश टूर के लिए अगर आप शांति या रोमांच की तलाश में हैं तो भूटान से बेहतर कोई और देश नहीं हो सकता। बौद्ध मठ, हिमालय की सुदंरता, जंगल और घटियां बहुत कुछ हैं यहां लुभावने को।

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
Bhutan Trip
मुख्य बातें
  • प्रमुख बौद्ध मंदिर और मठ बहुत ही आकर्षण पैदा करते हैं
  • भूटान में अनछुई प्राकृतिक सौंदर्यता खूब देखने को मिलेगी
  • जंगल, घाटियों और पहाड़ों पर घूमना रोमांचक होगा

कर सकते हैं। हिमालय की पहाड़ियों के बीच बसा ये देश रहस्य और कथाओं से भरा हुआ है। यहां असीम शांति भी है और एडवेंचर से भरा रोमांच भी। भूटान हिमालय के हसीन वादियों को समेटे हुए है। साथ ही यहां कई बौद्ध मठ भी हैं जो यहां आने वालों को अपनी ओर खिंचते हैं। इतना ही नहीं सांसे रोक देने वाली हिमालय की खूबसूरती, बर्फीले पहाड़, हरे- भरे मैदान के साथ घने लेकिन मनभावन जंगल सब कुछ है।

यही कारण है कि अपने आप में ये देश विरोधाभास लिए हुए है। यानी शांति और रोमांच का संगम है ये। शांति भी मिलती हैं और एडवेंचर भी। भूटान विश्व का पहला और एकमात्र कार्बन नेगेटिव देश है, यहां कार्बन का अवशोषण उसके उत्पादन की तुलना में अधिक है। तो आइए जानें इस देश में क्यों आए और यहां आकर क्या करें।

भूटान में क्या करें और क्या देखें?
तकशांग लहखांग यानी टाइगर नेस्ट : टाइगर नेस्ट के नाम से मशहूर बौद्ध मठों का ये समूह पारो घाटी में स्थित है। करीब 900 मीटर की ऊंचाई पर एक दुर्गम पहाड़ी और घाटियों के बीच से यहां पहुंचा जा सकता है। ये भूटान का राष्ट्रीय स्मारक भी है। अद्वितीय नज़ारे के बीच से कब आप मठ पहुंच जाएंगे आपको पता ही नहीं चलेगा। ये बौद्ध प्रार्थना के परचमों से सजा है। यहां कई नेशनल पार्क मिलेंगे जहां भूटान का राष्ट्रीय जानवर टाकिन, हिम तेंदुए, काली गर्दन वाले सारस और टाइगर देखे जा सकते हैं।

पारो : पर्यटन के लिहजा से भूटान का पारो शहर बेहद खास है। यहां आपको घूमने के लिए बहुत कुछ मिलेगा। एक दिन में आप इस शहर के आधे पर्यटन स्थल को भी नहीं देख सकते। यहां तीन दिन का समय लेकर आएं। नदी किनारे बसा ये शहर बहुत सी खूबसूरतियों को समेटे हुए है।

दोचूला पास : बौद्ध मठों, स्तूपों को देखने और समझने का शौक है तो यहां जरूर आएं। थिंपू से पुनाखा के रास्ते पर 25 किलोमीटर दूर दोचूला पास पड़ता है। यहां का बौद्ध मंदिर एवं 108 स्तूपों का समूह देखना अद्भुद लगेगा।

हा वैली : प्राकृतिक छंटाओं से भरा ये शहर हा वैली पारो से 67 किलोमीटर दूर स्थित है। प्रकृति के दिलकश नज़ारों से भरा ये शहर अपनी अनटच नेचुरल ब्यूटी के लिए प्रसिद्ध है। ठंडी हवा के झोंके और पहाडि़यों पर लहराते रंग-बिरंगी लहराती बौध पताकाएं बेहद ही खूबसूरत लगती हैं।

पुनाखा जोंग : बौद्ध मंदिर एवं मठ तक पर्यटक नदी पर पारंपरिक शैली में बने बेहद ख़ूबसूरत पुल आपको बेहद खास लगेंगे। पुनाखा जोंग में भूटान का सबसे बड़ा और प्रमुख बौद्ध मंदिर भी है। यहां आने के बाद आपको यहां से जाने काम मन ही नहीं करेगा।

भूटान जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
इस देश में घूमने के लिए तो आप किसी भी महीने में जा सकते हैं लेकिन सबसे खास समय अप्रैल से जुलाई या सितंबर से नवंबर का ही होता है।

वीज़ा या पासपोर्ट की ज़रूर पड़ेगी?
खुशी की बात ये है कि भारतीयों को भूटान जाने के लिए वीज़ा की ज़रूरत नहीं है। हालांकि, अपने साथ पासपोर्ट या वोटर आईडी कार्ड और दो पासपोर्ट साइज फोटो ज़रूर होना चाहिए।

कैसे जा सकते हैं?
भूटान के लिए दो फ्लाइट्स हैं ड्रुकएयर और भूटान एयरलाइन्स जो दिल्ली, बैंकॉक, सिंगापुर और काठमांडु से मिलती हैं। सड़क मार्ग से भूटान जाने वाले पर्यटकों को भारत-भूटान सीमा पर स्थित भूटानी शहर फ़ुनशोलिंग से टूरिस्ट परमिट लेकर आगे बढ़ना होगा। 7 दिन भूटान में घूमने के लिए आपको ट्रांसपोर्ट पर ज़्यादा से ज़्यादा 2000से 2500 रुपये ख़र्च करने होंगे।

रहना खाना होगा सब सस्ता
भूटान में आपको 500 रुपये से रहने के लिए होटल और 150 रुपये में भरपेट खाने के लिए आसानी से मिल जाएगा।

इसके अलावा भी भूटान में घूमने के लिए चेलेला पास, दंगसे लहखांग, रिनपंग जोंग,लहखांग नन्नोरी जैसी कई शानदार जगहें हैं। इन सभी जगहों को आप तीन से चार दिन में घूम लेंगे।