लखनऊ: राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांग सशक्तीकरण मंत्री अनिल राजभर ने सोमवार को कहा, 'उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के 820 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इनमें से करीब 173 गांवों के साथ सड़क संपर्क टूट गया है। प्रशासन नावों के माध्यम से लोगों की मदद में जुटा है।' मंत्री ने कहा कि सरयू और राप्ति नदियों में पानी बढ़ने से दिक्कत बढ़ी है। 'गंगा में अभी पानी खतरे के निशान से नीचे है, यह अच्छी बात है।'उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश पर जिला प्रशासन मुस्तैदी से अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।
राजभर ने बताया, 'नेपाल द्वारा पानी छोड़े जाने से दिक्कत कुछ बढ़ी है। जैसे गोण्डा जिले के तरबगंज तहसील के (भिखारीपुर सकरौर) एक तटबंध के क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। लेकिन जिला प्रशासन ने तत्परता से मरम्मत का काम करके तटबंध को बचा लिया।' उन्होंने बताया, 'आजमगढ़ जिले में सगड़ी तहसील के टेकनपुर के पास घाघरा की सहायक नदी, छोटी सरयू बहती है, वहां का तटबंध क्षतिग्रस्त होने की भी सूचना है। उससे आसपास के दो गांव टेकनपुर और सहसपुर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और 12 गांवों के किसानों की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है।' उन्होंने बताया, 'नुकसान का आकलन, तटबंध की मरम्मत आदि जारी है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके पर मौजूद हैं, उम्मीद है कि तटबंध की मरम्मत आज पूरी हो गई है।'
अभी तक 110 आश्रय स्थल स्थापित किये गये हैं
राजभर ने बताया, 'राहत कार्य के तहत अभी तक 110 आश्रय स्थल स्थापित किये गये हैं। पिछले 24 घंटे में सरकार ने करीब 9,500 खाद्यान्न किट बांटे गए हैं।' उन्होंने कहा, ‘‘बाढ़ के कारण कोई भूखा ना रहे, मुख्यमंत्री के इस निर्देश का पालन करते हुए प्रभावित क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे में भोजने के 22, 908 पैकेट दिए गए हैं। अभी तक भोजन के करीब 50हजार भोजन पैकेट जरुरतमंदों को दिए गए हैं।'
पिछले 24 घंटे में जनता को 15, 656 मीटर तिरपाल दिया गया है
उन्होंने बताया, 'पिछले 24 घंटे में जनता को 15, 656 मीटर तिरपाल दिया गया है। 1,129 नावों की व्यवस्था की गई है। करीब 650 बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी हैं। अभी तक कुल 92 पशु शिविर की स्थापना करायी गयी है।'उन्होंने बताया कि टीकाकरण का काम बहुत तेजी से चल रहा है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 188 मेडिकल टीमों को तैनात किया गया है।
राजभर ने बताया कि प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की करीब 16 टीमें तैनात हैं।उन्होंने बताया, 'होमगार्ड और प्रांतीय रक्षक दल के जवानों को प्रशिक्षण दिया गया है।'मंत्री ने बताया, 'खाद्यान्न किट में दस किलो आटा, दस किलो चावल, दस किलो आलू, पांच किलो मुरमुरा, दो किलो चना, दो किलो अरहर की दाल, 500 ग्राम नमक, 250 ग्राम हल्दी, मिर्च, धनिया, पांच लीटर मिट्टी का तेल, एक लीटर रिफाइंड तेल, एक पैकेट माचिस, एक पैकेट मोमबत्ती, दस पैकेट बिस्कुट, क्लोरीन की 100 गोलियां (पीने का पानी स्वच्छ बनाने के लिए) और नहाने के दो साबुन हैं।'