यूपी विधानसभा का सत्र चल रहा है। सदन के अंदर राजनीतिक दल एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं तो सदन के बाहर का नजारा भी कुछ अलग नहीं है। अभी दो दिन पहले जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव जब पैदल मार्च कर सदन की दहलीज तक नहीं पहुंचे तो शुक्रवार को तस्वीर अलग थी। शुक्रवार को सदन में सपा के विधायकों ने होहल्ला किया और सदन का बहिष्कार किया। सदन के बॉयकॉट के बाद अखिलेश यादव की अगुवाई में विधायकों से पैदल मार्च कर योगी सरकार की नीतियों का विरोध किया।
महिलाओं के मुद्दे पर सरकार संवेदनहीन
आज उप्र में महिलाओं के इतने मुद्दे हैं कि उनके लिए विधान सभा का एक दिन तो क्या पूरा एक सत्र भी कम पड़ जाएगा. नर-नारी की बराबरी ही सशक्त समाज बनाती है। सशक्तीकरण और सबलीकरण के हर प्रयास का लक्ष्य ‘समानता’ ही होनी चाहिए।NCRB और महिला आयोग के आंकडों के हिसाब से महिलाओं के ऊपर उत्पीड़न उत्तर प्रदेश में हो रहा है। मुरादाबाद में कैसे एक महिला को नग्न करके दौड़ाया गया। राज्य में क़ानून व्यवस्था ठप हो चुकी है और नेताओं पर झूठे मुकदमे लगाए जा रहे हैं।
छात्रों की भी समस्या कम नहीं
400% बढ़ी फ़ीस से आक्रोशित होकर छात्र भाजपा से पूछ रहे हैं कि जिस बात की फ़ीस पहले शून्य थी और अब 500 ली जा रही है तो ये बढ़ोतरी कितने प्रतिशत कहलाएगी? इस सरकार में सबकी आय घटी है फिर छात्रों की पढ़ाई, हॉस्टल व अन्य फ़ीस बढ़ाकर दंभी सरकार छात्रों से किस बात का बदला ले रही है।