- एसटीएफ की आजमगढ़ के इनामी रवि यादव उर्फ दिग्विजय से हुई मुठभेड़
- गिरफ्तार इनामी बदमाश लखनऊ में किसी बड़ी वारदात को देने आए थे अजांम
- रवि यादव आजमगढ़ का 25 हजार इनामी बदमाश घोषित है
Lucknow News: लखनऊ के अलीगढ़ में यूपी एसटीएफ की टीम गुरुवार रात केन्द्रीय स्कूल के पास आजमगढ़ के इनामी रवि यादव उर्फ दिग्विजय से मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ के दौरान रवि यादव ने फायरिंग करते हुए भागने का प्रयास किया। जिससे एसटीएफ की टीम ने गोली चलाई जो उसके पैर में गोली लगी। एसटीएफ ने उसके साथ में उत्कर्ष यादव, उमेश और रवि कुमार यादव नामक युवकों को भी गिरफ्तार किया है।
एसटीएफ के डिप्टी एसपी धर्मेश कुमार शाही ने कहा कि, रवि उर्फ दिग्विजय गाजीपुर में पत्रकार राजेश मिश्रा की हत्या में वांक्षित चल रहा था। गिरफ्तार इनामी बदमाश लखनऊ में किसी बड़ी वारदात को अजांम देने आए थे।
सर्विलांस की मदद से मिली सूचना
एसटीएफ को सर्विलांस की मदद से इनके अलीगंज एक स्कूल के पास में होने की सूचना प्रात हुई थी। उसके बाद ही इनकी घेराबंदी कर ली गई थी। एसटीएफ को देखते ही इन लोगों ने भागने के प्रयास में फायरिंग शुरू कर दी। क्रॉस फायरिंग में ही रवि के दाहिने पैर में गोली लगी हुई है। पुलिस ने मौके से 3 तमंचे, कारतूस और एक कार बरामद की।
25 हजार का इनामी है रवि
इनामी बदमाश रवि पर हत्या, हत्या के प्रयास व रंगदारी मांगने के 18 से भी अधिक मुकदमे दर्ज है। पुलिस सभी चारों आरोपियों की कुंडली खंगाल रही है। गाजीपुर में पत्रकार राजेश मिश्रा की हत्या में नाम सामने आने के बाद से ही रवि फरार चल रहा था। रवि यादव पर आजमगढ़ में 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित है।
मुख्तार के लिए करता था काम
एसटीएफ के अनुसार रवि मुख्तार और मुन्ना बजरंगी के इशारों पर कई वारदात कर चुका है। रवि पांच साल पहले बजरंगी के करीबी रहे तौफीक की हत्या के बाद लखनऊ से फरार हो गया था। वहीं बजंरगी की जेल में हत्या के बाद से वह मुख्तार के कुछ करीबियों के साथ में रहने लग गया था। उनके इशारों पर हत्या और रंगदारी की घटनाओं को अंजाम दिया करता था। दो वर्ष पहले रवि का साथी राजेश उर्फ पुन्ना पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। गाजीपुर के करंडा थाना क्षेत्र में 21 अक्टूबर 2017 को एक आरएसएस कार्यकर्ता और पत्रकार राजेश मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पत्रकार राजेश ने अवैध शराब की तस्करी और बालू खनन के विरोध में कई बार खबरें लिखी हुई थी। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी राजीव यादव था। पुलिस की टीम ने इस हत्याकांड में सबसे पहली गिरफ्तारी बिहार के भभुआ के चैनपुर रायगढ़ के अजीत यादव, हाटा के झनकू यादव और चंदौली के सुनील यादव की हुई थी।