- विदेश यात्रा से आने वालों की एयरपोर्ट पर होगी स्क्रीनिंग
- लखनऊ में मंकी पॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग और एयरपोर्ट अथॉरिटी अलर्ट
- स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लक्षण पहचानने की दी जानकारी
Monkey Pox Case: भारत में मंकीपॉक्स के दो मामले सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग और एयरपोर्ट अथॉरिटी अलर्ट हो गए हैं। गुरुवार को स्वास्थ विभाग और एयरपोर्ट हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के बीच बैठक हुई। इसमें मंकीपॉक्स प्रभावित देश, राज्य से आए यात्रियों की स्क्रीनिंग का फैसला किया गया। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लक्षण पहचानने की जानकारी दी। लक्षण पर कम से कम एक सप्ताह यात्रियों की सेहत की निगरानी की बात कही है। डिप्टी सीएमओ डॉ. मिलिंद वर्धन के मुताबिक, अभी मंकीपॉक्स को लेकर राज्य स्तर से कोई आदेश नहीं है। फिर भी स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। अभी लखनऊ में मंकीपॉक्स का कोई मामला नहीं है।
उन्होंने कहा कि, एहतियात के तौर पर इंटरनेशनल फ्लाइट्स से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग होगी। इसमें तापमान और शरीर में चकत्ते आदि की जांच होगी। कोई भी लक्षण दिखने पर यात्री को सप्ताह भर निगरानी में रखा जाएगा।
मंकीपॉक्स के लक्षण वालों की पहचान की जानकारी दी
गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग और एयरपोर्ट हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की बैठक में यह फैसला लिया गया। केरल में मंकीपॉक्स का मामला सामने आने बाद स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम उठाया है। एयरपोर्ट हेल्थ आर्गेनाइजेशन से जागरूकता कार्यक्रम में कर्मचारियों को मंकीपॉक्स के लक्षण वालों की पहचान की जानकारी दी गई। डिप्टी सीएमओ ने कहा कि, संक्रमित के कपड़े इस्तेमाल न करें। बुखार आने पर पैरासिटामॉल दी जा सकती है। इसमें किसी भी तरह का लक्षण दिखने पर जांच कराने के साथ यात्री को आइसोलेट किया जाएगा।
केरल में दूसरा मरीज मिलने के बाद अलर्ट
वहीं, आगरा में भी मंकीपॉक्स को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। केरल में दूसरा मरीज मिलने के बाद अलर्ट सतर्क किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए हेल्प लाइन नंबर 0562-2600412 और 9458569043 जारी कर दिया है। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि, मंकीपॉक्स पशु जनित बीमारी है, ये बीमारी दो से चार सप्ताह में ठीक हो जाती है। उन्होंने बताया कि, कुछ बातों का ख्याल रखना होता है। जैसे संक्रमित के कपड़े से भी दूरी बनाएं रखें। संक्रमित से शारीरिक संबंध न बनाए जाएं। हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं, मरीज को अपने घावों को ढंककर रखना चाहिए। बुखार आने पर पैरासीटामॉल ले लें। इस दौरान खूब पानी पीएं और पौष्टिक आहार का सेवन करें।