- रेल भूमि विकास प्राधिकरण ने आमंत्रित की 428 करोड़ की निविदाएं
- चारबाग स्टेशन पर बनेगा 120 मीटर लंबा और 115 मीटर चौड़ा कॉन्कोर्स
- जंक्शन पर बनेगा 75 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा कॉन्कोर्स
Lucknow Charbagh Development: लखनऊ में फूड कोर्ट के साथ शानदार टिकट वीआईपी लॉबी और रिटायरिंग रूम बनेंगे। चारबाग और जंक्शन रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी ये शानदार सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए तैयार खाके पर अधिकारियों ने बड़े-बड़े ठेकेदारों से बातचीत की। इसके बाद रेल भूमि विकास प्राधिकरण ने 428 करोड़ रुपये की निविदाएं आमंत्रित की। इस रकम को खर्च करके चारबाग एवं लखनऊ जंक्शन को खूबसूरत स्टेशन बनाया जाएगा, जहां यात्रियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। इसके लिए मंगलवार को गोमतीनगर स्थित होटल में प्रीबिड कांफ्रेंस का आयोजन हुआ। इसमें तमाम कंपनियों के प्रतिनिधियों ने निविदा पर खुलकर चर्चा की।
मुख्य परियोजना प्रबंधक सुधीर सिंह के मुताबिक, उत्तर रेलवे के चारबाग स्टेशन के प्लेटफार्म पर 120 मीटर लंबा एवं 115 मीटर चौड़ा कॉन्कोर्स बनेगा, जिसमें यात्रियों की सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिलेंगी। यहां बैठने, खानपान, यात्री सूचना आदि सुविधाएं शामिल होंगी।
जंक्शन पर बनाया जाएगा 75 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा कॉन्कोर्स
इसके अलावा सेकेंड इंट्री की तरफ सात मंजिल का व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण होगा। जिसमें प्रतीक्षालय, फूड कोर्ट आदि बनेंगे। इसके अलावा यात्रियों को टिकट वीआईपी लॉबी, रिटायरिंग रूम, बजट होटल आदि सुविधाएं मिलेंगी। इसमें सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर, बैगेज स्कैनर आदि सुरक्षा उपकरण भी लगाए जाएंगे। वहीं, पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ जंक्शन परिसर पर 75 मीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा कॉन्कोर्स बनाया जाएगा। इसे लखनऊ मेट्रो के दुर्गापुरी स्टेशन से जोड़ा जाएगा। प्रीबिड कॉन्फ्रेंस में उप महाप्रबंधक एचके श्रीवास्तव, सदस्य वित्त प्रवीण अग्रवाल, लखनऊ परियोजना प्रबंधक आशीष कुमार सिंह आदि ने शिरकत की।
चारबाग स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की प्रक्रिया तेज
आपको बता दें कि करीब चार साल से उत्तर रेलवे लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने का खाका तैयार कर रहा है। इसमें रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) व रेलवे प्रशासन के अधिकारियों की तीन महीने की कड़ी मेहनत के बाद ब्लूप्रिंट बनाया जा सका है। पहले जहां भूमिगत पार्किंग बनाई जानी थी, जो चारबाग रेल आरक्षण केंद्र से पार्सल घर की ओर निकलनी थी तथा पटरियों के नीचे से जो अंडरपास बनना था, उसे भी बदल दिया गया।