- रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर हत्याकांड का जल्द होगा पर्दाफाश
- सीसीटीवी फुटेज से पुलिस के हाथ लगे अहम सुराग
- पुलिस की कहना, हत्याकांड का मुख्य आरोपी है फिरदौस
Virendra Thakur Murder Case: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कैंट इलाके में रेलवे ठेकेदार और हिस्ट्रीशीटर वीरेन्द्र ठाकुर उर्फ गोरख की हत्या करने वाले शूटरों की पहचान हो गई है। पुलिस खुलासे के एकदम करीब पहुंच गई है। पुलिस को कुछ और सीसीटीवी फुटेज में मिले। पुलिस ने मान लिया कि मुख्य आरोपी फिरदौस ही है और वह ही शूटर लेकर आया था। शूटरों ने रात लखनऊ में ही काटी थी। वारदात के बाद लखनऊ में रहे हत्यारों ने पुलिस की कार्रवाई पर पूरी नजर रखी। दूसरे दिन तड़के हत्यारे लखनऊ से बिहार के लिए भाग निकले थे। बिहार गई पुलिस लखनऊ लौट आई है। उससे भी कई जानकारियां पुलिस को हाथ लगी है। डीसीपी प्राची सिंह ने गुरुवार शाम को अधिकारियों के साथ अब तक की प्रगति की समीक्षा भी की।
डीसीपी प्राची सिंह ने बताया कि फुटेज से बदमाशों का चेहरा पहचान में आ गया है। इसमें एक बदमाश का हुलिया पूरी तरह से फिरदौस से मेल खा रहा है। इस बारे में और पुष्टि कराई जा रही है।
पुलिस के संदेह के घेरे में कई लोग
पुलिस के संदेह के घेरे में अब तक तीन नामजद आरोपियों में पहली पत्नी प्रियंका, उसका प्रेमी बिट्टू, फिरदौस और चार शूटर ही थे। वीरेंद्र की हत्या की साजिश करीब दो माह पहले रची गई थी। वहीं, विरेंद्र ठाकुर के तीन सुरक्षाकर्मी भी संदेह के घेरे में हैं, जो वारदात के बाद से लापता हैं। अब लखनऊ पुलिस ने वीरेंद्र ठाकुर की दूसरी पत्नी खुशबुन तारा को भी संदेह के दायरे में ले लिया है। उसके बारे में भी पुलिस डिटेल खंगाल रही है।
वीरेंद्र के घर की भी ली गई तलाशी
उधर, मंगलवार को पुलिस टीम ने वीरेंद्र के घर की तलाशी ली थी। मामले में प्रभारी निरीक्षक शिवचरन लाल ने बताया कि बिहार में उसके ठिकानों से लाखों रुपये के सिक्के मिले हैं। वीरेंद्र के भाई से भी पूछताछ की गई है। गौरतलब है कि कैंट में 25 जून को बदमाशों ने घर के अंदर घुसकर वीरेन्द्र ठाकुर को गोलियों से छलनी कर दिया था। उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। घटना के दौरान आरोपियों ने वीरेंद्र की पत्नी और बच्चों को बंधक बना लिया था।