लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कैलाश मानसरोवर भवन निर्माण की स्थिति की समीक्षा की और गाजियाबाद में जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण हेतु प्रस्तावित केंद्र के निर्माण कार्य को शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए। साथ ही, बुलंदशहर में राजकीय मेडिकल कॉलेज और तहसील सिकंदराबाद में अटल आवासीय विद्यालय के भवन को तत्परता से पूर्ण करने के लिए भी निर्देशित किया। मेरठ के हस्तिनापुर ब्लॉक में सोती नदी के पुनरुद्धार के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने नदी और तालाब पुनर्जीवन के लिए मनरेगा को माध्यम बनाने की जरूरत बताई। अपने आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने मेरठ मंडल (मेरठ, हापुड़, बागपत, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलन्दशहर जनपद) के विकास कार्यों की समीक्षा की।
स्मार्ट सिटी योजना के कार्यों में न हो देर
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ व गाजियाबाद को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना महत्वपूर्ण है। इसे शीघ्रता से प्रारंभ किया जाए। उन्होंने कहा कि सेफ सिटी परियोजना के कार्य को तत्परता से पूर्ण किया जाए। मंडलायुक्त ने बताया कि अमृत योजना सहित जलापूर्ति के अन्तर्गत मंडल में कुल 20 परियोजनाएं संचालित हैं, जिसमें से अब तक 09 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि शेष 06 परियोजनाएं माह दिसम्बर, 2020 तक तथा 05 परियोजनाएं माह मार्च 2021 तक पूर्ण कर ली जाएंगी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार हर घर में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संबंध में शिथिलता कतई स्वीकार्य नहीं है। सभी संबंधित परियोजनाओं को शीघ्रता से पूर्ण किया जाए।
नए सत्र के प्रारंभ के समय कुछ भी न रहे बकाया
गन्ना किसानों को हुए भुगतान की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि नया पेराई सत्र प्रारंभ होने से पूर्व पिछला सारा बकाया भुगतान हो जाए। मंडलायुक्त ने अवगत कराया कि पेराई सत्र 2018-19 का ₹4573.50 करोड़ का गन्ना मूल्य देय था, जिसका शतप्रतिशत भुगतान किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त बीते 03 सितंबर तक गत पेराई सत्र 2018-19 के सापेक्ष 190.17 लाख कुन्तल अधिक गन्ने की पेराई की गई, जिसके लिए ₹169.40 करोड़ का अधिक गन्ना मूल्य भुगतान किया गया।पेराई सत्र 2019-20 में कुल देय 5190.19 करोड़ के सापेक्ष 17 सितंबर तक 3354.08 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने शेष राशि के भुगतान के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।
एक्सप्रेस-वेज से मिलेगी विकास को रफ्तार
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में एक्सप्रेस-वे का जाल बना रही है।इंफ्रास्ट्रक्चर विकास से प्रदेश के बहुआयामी विकास को तेज रफ्तार देंगे। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि यह कार्य दिसम्बर, 2020 तक पूर्ण होने कर लिया जाए। इस संबंध में निरंतर समीक्षा एवं अनुश्रवण करते हुए शीर्ष प्राथमिकता दी जाए।
परिवहन व्यवस्था को नई परिभाषा देगा रैपिड रेल का विस्तार
रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस कॉरिडोर) एक रेल आधारित तीव्र गति, उच्च क्षमतायुक्त, सुरक्षित और सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन परियोजना है, जिससे राजधानी दिल्ली से मेरठ के बीच की दूरी 1 घंटे से भी कम समय में पूरी की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि भारत में लागू होने वाली अपने किस्म की यह पहली परियोजना है, जिसका निर्माण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम द्वारा कराया जा रहा है।मेरठ मेट्रो परियोजना को आरआरटीएस परियोजना में सम्मिलित करने के बाद अब और बड़ी आबादी को विश्वस्तरीय सुविधा का लाभ मिल सकेगी।
जब तक वैक्सीन नहीं तब तक बचाव ही कोरोना का उपचार
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए फील्ड स्तर पर किए जा रहे प्रयासों पर सन्तोष व्यक्त करते हुए कहा कि जब तक इस रोग की कोई कारगर दवा अथवा वैक्सीन विकसित नहीं हो जाती, तब तक बचाव ही सबसे अच्छा उपाय है। उन्होंने एल-2 कोविड चिकित्सालयों की संख्या बढ़ाने, इंटेग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को 24 घंटे क्रियाशील रखने के निर्देश दिए हैं।