- शवों की भारी संख्या को देखते हुए लकड़ी से अंतिम संस्कार के लिए 90 नए प्लेटफॉर्म तैयार किए गए हैं
- इन सभी पर पर्याप्त संख्या में लकड़ी और पूजन सामग्री का इंतजाम भी कर दिया गया है।
- बैकुंठधाम पर विद्युत शवदाह गृह के पीछे बने स्थलों पर लकड़ी से अंतिम संस्कार किया जाएगा
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कोरोना वायरस की स्थिति बेकाबू नजर आ रही है खासतौर पर राजधानी लखनऊ में हालात ज्यादा गंभीर हैं। यहां कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा हर दिन रेकॉर्ड तोड़ रहा है। श्मशान घाटों पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए लंबी लाइनें लग रही हैं।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बताते हैं कि शवों को जलाने के लिए 8 से 10 घंटों की वेटिंग चल रही थी। शवदाह कराने के लिए आठ से 10 घंटे की प्रतीक्षा सूची शनिवार तक थी, वहीं राजधानी लखनऊ व आसपास के जिलों में कोरोना संक्रमण की वजह से हो रही मौतें और बड़ी संख्या में अंतिम संस्कार के लिए आ रहे शवों को देखते हुए लखनऊ नगर निगम ने अंतिम संस्कार के लिए अब 90 नए प्लेटफॉर्म तैयार किए हैं।
लकड़ी से अंतिम संस्कार के लिए 90 नए प्लेटफॉर्म तैयार किए गए हैं इन सभी पर पर्याप्त संख्या में लकड़ी और पूजन सामग्री का इंतजाम भी कर दिया गया है।
एक अंतिम संस्कार में करीब डेढ़ घंटा लगता है
कहा जा रहा है कि जितनी मौतें एक दिन में हो रही हैं, उतने अंतिम संस्कार विद्युत शवदाह गृहों पर नहीं हो पा रहे हैं ऐसे में शुक्रवार शाम से लकड़ी से शवों को जलाना शुरू कर दिया गया है।
लकड़ी से अंतिम संस्कार में कम वक्त लगेगा
प्रशासन ने कहा है कि बैकुंठधाम पर विद्युत शवदाह गृह के पीछे बने स्थलों पर लकड़ी से अंतिम संस्कार किया जाएगा लकड़ी से अंतिम संस्कार में कम वक्त लगेगा। संक्रमित का अंतिम संस्कार विद्युत शवदाहगृह में ही होगा ऐसा नहीं है, क्योंकि दूसरे शहरों में जहां विद्युत शवदाह गृह नही हैं, वहां लकड़ी से अंतिम संस्कार किया जा रहा है।