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Babri Case : यूपी में डेप्युटी लोकायुक्त बनाए गए पूर्व जज यादव, बाबरी केस में सुनाया था अहम फैसला 

Former special CBI court judge Surendra Kumar Yadav was appointed deputy Lokayukta
Updated Apr 13, 2021 | 08:03 IST

Babri case : सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि जौनपुर से आने वाले यादव को लोकायुक्त न्यायाधीश सेवानिवृत्त संजय मिश्रा ने वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में उन्हें शपथ दिलाई। 

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Former special CBI court judge Surendra Kumar Yadav was appointed deputy Lokayukta Former special CBI court judge Surendra Kumar Yadav was appointed deputy Lokayukta
यूपी में डेप्युटी लोकायुक्त बनाए गए पूर्व जज यादव।
मुख्य बातें
  • बाबरी विध्वंस केस में 30 सितंबर 2020 को सुनाया था अहम फैसला
  • आडवाणी, जोशी, उमा सहित सभी 32 आरोपी कोर्ट से हुए बरी
  • जज यादव को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेवा विस्तार दिया गया

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व विशेष जज सुरेंद्र कुमार यादव की नियुक्ति राज्य में डेप्युटी लोकायुक्त पद पर की है। जज यादव ने पिछले साल सितंबर में बाबरी विध्वंस केस में अहम फैसला सुनाया था। राज्य के  डेप्युटी लोकायुक्त पद पर तैनात होने वाले यादव तीसरे व्यक्ति हैं। रिपोर्टों में सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि जौनपुर से आने वाले यादव को लोकायुक्त न्यायाधीश सेवानिवृत्त संजय मिश्रा ने वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में शपथ दिलाई। 

राज्यपाल पटेल ने अधिसूचना पर हस्ताक्षर किए
राज्यपाल पटेल ने यादव को डेप्युटी लोकायुक्त पद पर नियुक्ति से संबंधित अधिसूचना पर गत छह अप्रैल को हस्ताक्षर किए। जज यादव ने पिछले साल अपने सेवानिवृत्त के अंतिम दिन 30 सितंबर को बाबरी विध्वंस केस में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। अपने अहम फैसले में उन्होंने भाजपा नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती सहित 32 आरोपियों को बरी कर दिया। मामले में इन सभी आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी किया गया। 

आडवाणी, जोशी समेत भाजपा नेता बरी हुए
सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि पूर्व जज ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जौनपुर से पूरी की और उच्च शिक्षा के लिए वह वाराणसी आए। साल 1990 में फैजाबाद कोर्ट में मुंसी की नौकरी शुरू करने से पहले उन्होंने अपनी कानून की पढ़ाई पूरी की।  विगत वर्षों में यादव ने मुंसी के रूप में, एसीजीएम, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और विभिन्न जिलों में अपर जिला न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवाएं दीं। जज यादव ने बाबरी केस की साल 2017 से नियमित रूप से सुनवाई की। यादव सितंबर 2019 में अपने पद से रिटायर हुए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने केस में फैसला सुनाने के लिए उन्हें सेवा विस्तार दिया गया।  

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