उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वाति सिंह (Swati Singh) और उनके परिवार की महिलाओं पर अभद्र और अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल में कोर्ट से भगोड़ा घोषित बसपा के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी (Nasimuddin Siddiqui) और प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर (Ram Achal Rajbhar) को कोर्ट ने जेल (Jail) भेज दिया। दोनों ने मंगलवार को कोर्ट में सरेंडर किया था, साथ ही अंतरिम जमानत की अर्जी भी डाली थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया नसीमुद्दीन वर्तमान में कांग्रेस पार्टी के नेता है।
गौरतलब है कि सोमवार को विशेष एमपी एमएलए अदालत ने भाजपा नेता दयाशंकर सिंह की बेटी तथा परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के मामले में बसपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और वरिष्ठ नेता राम अचल राजभर की संपत्ति की कुर्की के आदेश दिए थे। न्यायाधीश पी. के. राय की अदालत ने सोमवार को यह आदेश देते हुए हजरतगंज पुलिस से कहा कि वह आगामी 22 जनवरी को इस निर्देश पर किए गए अमल की रिपोर्ट दे।
दोनों आरोपी बार-बार वारंट जारी होने के बावजूद अदालत में हाजिर नहीं हुए
बाद में अदालत ने दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया था।गौरतलब है कि जुलाई 2016 में भाजपा के वरिष्ठ नेता दयाशंकर सिंह द्वारा बसपा अध्यक्ष मायावती के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी किए जाने के बाद खासा विवाद उत्पन्न हुआ था। इसके विरोध में बसपा कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया था।
बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह की मां तेतरा देवी ने लगाया था आरोप
दयाशंकर सिंह की मां तेतरा देवी ने 22 जुलाई 2016 को हजरतगंज कोतवाली में दर्ज मामले में आरोप लगाया था कि बसपा अध्यक्ष मायावती ने राज्यसभा में उनके परिवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
उसके अगले दिन पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उस वक्त के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर की अगुवाई में बड़ी संख्या में बसपा कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज चौराहे पर किए गए प्रदर्शन में तेतरा देवी की नाबालिग पोती तथा परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में अशोभनीय टिप्पणी की थी और अपशब्दों का इस्तेमाल किया था।