लाइव टीवी

नसीमुद्दीन सिद्दीकी की विधान परिषद सदस्यता रद्द, कांग्रेस का साथ देना पड़ा भारी

Updated Jul 22, 2020 | 00:46 IST

Nassemuddin siddiqui news: बीएसपी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होना नसीमुद्दीन सिद्दीकी के लिए भारी पड़ गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के बाद विधानपरिषद सभापति ने उन्हें अयोग्य ठहरा दिया।

Loading ...
नसीमुद्दीन सिद्दीकी, नेता, कांग्रेस
मुख्य बातें
  • नसीमुद्दीन सिद्दीकी की विधान परिषद की सदस्यता रद्द
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिया था आदेश
  • बीएसपी में रहने के दौरान विधान परिषद से सदस्य निर्वाचित, बाद में कांग्रेस में शामिल हुए

लखनऊ। नसीमुद्दीन सिद्दीकी कभी बीएसपी सुप्रीमो मायावती के दाहिने हाथ हुआ करते थे। जब बीएसपी की सरकार थी तो उनकी तूती बोलती थी। पार्टी में भी ऊंचा कद था। बिना उनकी मर्जी की मायावती तक एक भी बात नहीं पहुंचती थी। लेकिन समय के साथ रिश्ते बदल गए और वो हाथी की सवारी हाथ का दामन थाम लिए। जिस समय उन्होंने पार्टी बदलने का फैसला किया था उस समय वो बीएसपी से विधान परिषद सदस्य थे। इस बिना पर बीएसपी ने उनकी सदस्यता खत्म करने की मांग की थी। हाईकोर्ट के आदेश पर विधानपरिषद के सभापति को फैसला लेना था और उन्होंने नसीमुद्दीन की सदस्यता रद्द कर दी। 

लखनऊ बेंच ने 15 दिन में फैसला लेने का दिया था आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी की विधान परिषद से सदस्यता समाप्त किये जाने की अर्जी पर 15 दिन के भीतर फैसला लेने का आदेश दिया था। इसके बाद बीएसपी ने विधान परिषद सभापति को सदस्यता खारिज करने की अर्जी दी थी। न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल  और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ में दिनेश चंद्रा की ओर से याचिका दाखिल की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिया गया था हवाला
अर्जी में इस बात का जिक्र था कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि सदस्यता समाप्त करने की मांग वाली अर्जी पर तीन माह के भीतर फैसला सुना देना चाहिए।  लेकिन यूपी विधान परिषद के चेयरमैन ने 29 मई 2019 को नसीमुद्दीन सिद्दीकी की सदस्यता समाप्त करने की अर्जी पर सुनवाई पूरी की और फैसला सुरक्षित रख लिया और एक साल पूरा होने के बाद भी नहीं आया है।

नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कांग्रेस का दामन थामा था
याचिका में जिक्र था कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी बीएसपी के टिकट पर 23 जनवरी 2015 को विधान परिषद सदस्य बने थे और 22 फरवरी 2018 को बसपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। उनका कांग्रेस में जाना दलबदल के दायरे में आता था और उसे ध्यान में रखते हुए सिद्दीकी की विधानसभा सदस्यता खारिज हो जानी चाहिए थी। 

Lucknow News in Hindi (लखनऊ समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।