गोरखपुर:राजस्थान के पूर्व राज्यपाल, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का नाथपंथ के विश्व प्रसिद्ध गोरक्षपीठ से स्वाभाविक आत्मीय गहरा जुड़ाव था। अयोध्या में श्रीराम मंदिर आंदोलन के अगुवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ उनके प्रति विशेष स्नेह रखते थे।
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन के दौरान कल्याण सिंह गोरक्षपीठ के और निकट आ गए। मंदिर आंदोलन की रूपरेखा पर तत्कालीन पीठाधीश्वर अवैद्यनाथ के साथ प्राय: उनकी मंत्रणा होती रहती थी।
गोरक्षपीठ के बुलावे पर कल्याण सिंह पीठ के अधीन संचालित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। 10 दिसंबर 2013 को एमपी इंटर कालेज के मैदान पर आयोजित कार्यक्रम में कल्याण सिंह ने परिषद की तरफ से दी जा रही राष्ट्रवादी विचारधारा की शिक्षा की मुक्तकंठ से सराहना की थी।
कल्याण सिंह की गोरक्षपीठ और ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ के प्रति गहरी आस्था थी
उन्होंने कहा था कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के पुनीत कार्य से देश के भविष्य को लेकर एक नई आशा का संचार हो रहा है।कल्याण सिंह के बेहद करीब रहे भाजपा पंचायत प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक रमेश सिंह बताते हैं कि कल्याण सिंह की गोरक्षपीठ और ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ के प्रति गहरी आस्था थी। वर्ष 2006 में वह रमेश सिंह के भाई के शादी समारोह में आए थे।
...जैसे ही उन्हें पता चला कि महंत अवैद्यनाथ की तबीयत नासाज है
वह फौरन उनका कुशलक्षेम जानने गोरखनाथ मंदिर पहुंच गए। गोरखपुर में उनका आगमन जनवरी 2014 में खाद कारखाना परिसर में हुई भाजपा की महारैली में भी हुआ था। उस वक्त भी उन्होंने तत्कालीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ से आशीर्वाद लिया था।