- कल्याण सिंह सरकार के कार्यकाल में नकल अध्यादेश 1992 में लागू हुआ था
- तब हाईस्कूल में केवल 14.70 फीसदी और इंटर में 30.30 प्रतिशत छात्र-छात्राएं पास हुए थे
- उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन हो गया है
Anti Copying Act 1992 in UP News: यूपी के सीएम कल्याण सिंह सरकार के कार्यकाल में नकल अध्यादेश 1992 में लागू हुआ था, तब हाईस्कूल में केवल 14.70 फीसदी, जबकि इंटर में 30.30 प्रतिशत छात्र-छात्राएं पास हुए थे, बताते हैं कि उस वक्त सख्ती का ये आलम था कि नकल माफियों को तो मानों सांप ही सूंघ गया था, और स्टूडेंट्स का तो हाल-बेहाल था।
उस वक्त कल्याण सिंह सरकार की ऐसी सख्ती थी कि भारी विरोध के बाद भी सरकार झुकी नहीं उस वक्त शिक्षा मंत्री थे राजनाथ सिंह जो अपने सख्त फैसलों के लिए जाने जाते हैं उन्होंने इसे खासी सख्ती के साथ लागू कराया था। नकल अध्यादेश लाने के फैसले पर तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह और उस समय शिक्षा मंत्री रहे राजनाथ सिंह की शिक्षा जगत में काफी तारीफ हुई थी।
साल 1992 में 'पास कैंडिंडेट' को खोजना बड़ा काम था
गौर हो कि 1992 में कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे, उन्होंने नकल विहीन परीक्षा कराने के आदेश जारी किए थे, बताते हैं उस साल हालत ये थी कि इस आदेश की वजह से हाईस्कूल में केवल 14.70 फीसदी, जबकि इंटर में 30.30 प्रतिशत छात्र-छात्राएं पास हुए थे, बताते हैं कि उस साल पास कैंडिंडेट को खोजना बड़ा काम था और बामुश्किल खोजने से मुश्किल से कोई एक-दो छात्र पास मिलते थे।
इससे कल्याण सरकार को नुकसान भी पहुंचा था
1993 के विधानसभा चुनाव में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने जनता से वादा किया कि उनकी सरकार आई तो इस अध्यादेश को खत्म कर देंगे और खास बात ये कि मुलायम ने बसपा के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी जिसने सत्ता में आते ही ये नकल अध्यादेश हटा दिया था। अब भी वो छात्र खासे गर्व से बताते हैं कि जिन्होंने कल्याण की सरकार में यूपी बोर्ड की परीक्षाएं पास की हैं।
...लोग पूछते थे कि 'मुलायम सरकार' में पास हो या 'कल्याण सरकार' में
1992 में प्रदेश के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए और नकल माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए जो अध्यादेश जारी किया, आज भी उसका उदाहरण दिया जाता है, मजे की बात ये है कि 1992 का वो दौर था, जब लोग पूछते थे कि मुलायम सरकार में पास हो या कल्याण सरकार में, हालांकि बाद में मुलायम सिंह यादव ने वो अध्यादेश वापस ले लिया था।
गौर हो कि यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह का निधन हो गया है, लंबी बीमारी के बाद लखनऊ के पीजीआई में 89 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके निधन पर राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर है।