- राज्य में अपहरण और हत्या के बढ़ रहे मामले से सीएम योगी कथित तौर पर बहुत गुस्से में हैं
- उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि या तो वे परिणाम दिखाएं अन्यथा कार्रवाई का सामना करें
- आदित्यनाथ ने यह भी कहा है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में अपहरण और हत्या के बढ़ रहे मामले से कथित तौर पर बहुत गुस्से में हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अब अधिकारियों से कहा है कि या तो वे परिणाम दिखाएं अन्यथा कार्रवाई का सामना करें। योगी का यह तेवर कानपुर देहात में मंगलवार को सामने आए अपहरण और हत्या के एक और मामले के बाद दिखा है।
इसी तरह की घटनाएं इसके पहले कानपुर और गोरखपुर में सामने आ चुकी हैं। आदित्यनाथ ने यह भी कहा है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा, जो संबंधित सरकार को किसी भी संदिग्ध को बगैर किसी आरोप के 12 साल तक जेल में रखने का अधिकार देता है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक एच.सी. अवस्थी ने भी मंगलवार देर रात सभी पुलिसकर्मियों के लिए एक एडवायजरी जारी की और उनसे कहा कि अपहरण की शिकायतों से त्वरित और गंभीरता से निपटा जाए। ये सारी कवायद ऐसे समय में हो रही है, जब कानपुर देहात में मंगलवार को एक और व्यक्ति की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। उसका शव एक कुंए में पाया गया।
पीड़ित ब्रजेश पाल को कथित रूप से 16 जुलाई को भोगनीपुर से अपहृत किया गया था और उसका शव मंगलवार शाम कानाखेड़ा गांव के देवरहट इलाके में पाया गया। पाल कानपुर-झांसी राजमार्ग पर एक टोल प्लाजा में बतौर मैनेजर काम करते थे। वह 16 जुलाई को टोल प्लाजा पर काम के लिए गए थे और वहां आधी रात तक रहे थे। बाद में उन्होंने टोल प्लाजा परिसर में ही सो जाने का निर्णय लिया।
सुबह जब सुरक्षा स्टाफ टोल प्लाजा पहुंचे तो वे प्लाजा को अंदर से बंद पाए और उसके बाद पाल की तलाश शुरू हुई। उनके चचेरे भाई ने जब उनके फोन पर डायल किया तो एक अपरिचित ने फोन उठाया और 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी। अपहर्ताओं से फोन काल के बाद पाल का परिवार आडियो क्लिप के साथ पुलिस स्टेशन पहुंचा।
पुलिस ने मंगलवार को पाल के एक साथी को गिरफ्तार किया, जो पुलिस टीम को लेकर उस कुंए के पास गया, जहां से शव बरामद हुआ। परिवार ने पुलिस जांच में खामियों का आरोप लगाया है, जिसके कारण पीड़ित की मौत हो गई। एसपी अनुराग वत्स ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में तत्परता से कार्रवाई की और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जिसने पुलिस टीम को वहां पहुंचाया, जहां से शव बरामद हुआ।
परिवार ने आरोप लगाया है कि पीड़ित के चचेरे भाइयों को पुलिस स्टेशन ले जाया गया और वहां कथित तौर पर उन्हें पीटा गया। परिवार ने आरोप लगाया कि एक चचेरे भाई के हाथ की हड्डी टूट गई और दूसरे को भी चोटें आई हैं। मुख्यमंत्री ने ब्रजेश पाल के परिवार के लिए पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।
ध्यान देने योग्य बात यह है कि एक लैब टेकि्न शियन संजीत यादव का कानपुर से 22 जून को अपहरण कर लिया गया था और उसके अपहर्ताओं ने उसकी रिहाई के लिए 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। बारा पुलिस थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई थी। संजीत यादव के परिवार ने आरोप लगाया कि उन्होंने कानपुर पुलिस के कहने पर 30 लाख रुपये किसी तरह से जुटाए और पैसों से भरा बैग रेलवे ट्रैक पर 13 जुलाई को छोड़ दिया, जैसा कि अपहर्ताओं ने कहा था।
पुलिस मूकदर्शक बनी रही और संजीत रिहा नहीं हो सका। बाद में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि संजीत की 26/27 जून को हत्या कर दी गई और उसका शव पांडु नदी में फेक दिया गया। शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है। राज्य सरकार ने चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है, जिसमें एक आईपीएस अधिकारी अपर्णा गुप्ता शामिल हैं।
इसी तरह के एक अन्य मामले में गोरखपुर से एक कक्षा छह के छात्र को अगवा कर लिया गया और उसके कुछ ही घंटों के अंदर उसकी हत्या कर दी गई, जबकि उसके अपहर्ताओं ने एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। 14 वर्षीय लड़के का शव सोमवार शाम एक नहर के पास एक जंगली इलाके से बरामद हुआ।