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Ayodhya Story: अयोध्या, फैजाबाद और फिर अयोध्या बनने की पूरी कहानी, योगी सरकार ने जब किया था बड़ा फैसला

Updated Jul 29, 2020 | 10:45 IST

पांच अगस्त से पहले ही अयोध्या और गुलजार हो चुकी है। हम अयोध्या फैजाबाद और अयोध्या बनने की पूरी कहानी को आप के सामने रखेंगे।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
योगी सरकार ने फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया
मुख्य बातें
  • योगी आदित्यनाथ सरकार ने फैजाबाद का नाम बदलकर किया अयोध्या
  • करीब 2200 ईषा पूर्व अयोध्या की हुई थी स्थापना, इक्ष्वाकु वंश के राजा दशरथ अयोध्या के 63वें शासक थे
  • 18वीं सदी में फैजाबाद का नाम सामने आया और अवध के नवाबों की राजधानी बनी

लखनऊ। पांच अगस्त का दिन भारत के इतिहास में अविस्मरणीय दिन होगा तो उसके पीछे वजह है। इस दिन राम मंदिर भूमि पूजन के जरिए मंदिर बनाने की आधारशिला रखी जाएगी।वर्षों तक चले विवाद के बाद भारत के सुप्रीम अदालत ने मंदिर निर्माण पर मुहर लगा दी। इसके साथ यह जानना जरूरी है कि कई कालखंडों में किस तरह कौशल राज्य की राजधानी अलग अलग समय काल को तय करते हुए अयोध्या से फैजाबाद बनी और 21वीं सदी में उस भौगोलिक धरा का नाम दोबारा अयोध्या किया गया। नाम बदलने की कहानी बहुत ही रोचक है। 

2018 में फैजाबाद का नाम बदला गया
2017 में यूपी की सत्ता समाजवादी पार्टी के हाथ से फिसल चुकी थी। सूबे की कमान एक संत के हाथ में आई और आवाज उठने लगी कि फैजाबाद से पहले अयोध्या नाम का अस्तित्व था। वो तो कुछ कालखंड में आक्रांताओं मे नाम बदल दिया। लेकिन अब समय की मांग है कि अयोध्या को उसकी पहचान दिलाई जाए हालांकि अयोध्या किसी पहचान की मोहताज नहीं था। मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों और आम लोगों की भावना का सम्मान करते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला किया और  और 6 नवंबर 2018 को फैजाबाद जिले का नाम अयोध्या कर दिया गया।

2200 ईसा पूर्व अयोध्या शहर की हुई थी स्थापना
ग्रंथों के मुताबिक  2200 ईसा पूर्व के करीब  के आसपास अयोध्या नगर की स्थापना की गई थी। रामायण के मुताबिक मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जन्म का जन्म अयोध्या में हुआ था। राजा दशरथ जो भगवान राम के पिता थे वो 63वें शासक थे और उनका संबंध इक्ष्वाकु वंश से थे। प्राचीन भारत के तीर्थ स्थानों को अगर आप पढ़ें तो अयोध्या का नाम आता है।  'अयोध्या मथुरा माया काशि कांची ह्य्वान्तिका, पुरी द्वारावती चैव सप्तैता मोक्षदायिका.' बौद्ध मान्यताओं के भगवान बुद्ध  ने अयोध्या या साकेत में 16 सालों तक निवास किया था। इसके साथ ही अयोध्या रामानंदी संप्रदाय का मुख्य केंद्र भी था। लेकिन जैसे जैसे कालखंड बीता इस शहर पर मुस्लिम शासकों का कब्जा हुआ और वहां से कहानी में थोड़ा बदलाव आया।

मुगल शासन के समय विवाद शुरू हुआ
मुगल बादशाह बाबर के शासन काल में धर्मनगरी अयोध्या पर विवादों की छाया पड़ी। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार बाबर के सेनापति मीर बाकी ने यहां मंदिर को तोड़कर यहां मस्जिद बनवाई और उसके बाद उस मस्जिद को बाबरी मस्जिद का नाम मिला। लेकिन फैजाबाद शहर की नींव नवाबों के दौर में हुआ। नवाब सआदत खान ने फैजाबाद की नींव रखी और उनके उत्तराधिकारी  शुजाउद्दौला ने फैजाबाद को अवध की राजधानी बनाया

अवध के नवाबों की राजधानी बना फैजाबाद
18वीं सदी में  नवाब सफदरजंग ने फैजाबाद को सैन्य मुख्यालय बनाया। उसी कड़ी में शुजाउद्दौला ने फैजाबाद में किले का निर्माण कराया था। इस दौर में पूरे भारत में फैजाबाद को जाना जाता था।. लखनऊ से शहर महज 125 किमी दूर था और बंगाल जाने के रास्ते में पड़ता था। उस वक्त फैजाबाद को कभी छोटा कलकत्ता के नाम से भी जाना जाता था। 

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