- लखनऊ में निजी अस्पताल के डॉक्टर की घोर लापरवाही
- ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने पेट में ही छोड़ी क्लिप
- एनएमसी ने डॉक्टर पर छह महीने तक ऑपरेशन पर लगाई रोक
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में निजी अस्पताल के डॉक्टर की घोर लापरवाही सामने आई है। यहां रायबरेली रोड स्थित एक निजी अस्पताल के चिकित्सक की लापरवाही से हर कोई हैरान है। दरअसल, डॉक्टर ने बच्चादानी के ऑपरेशन में मरीज के पेट में ही क्लिप छोड़ दी। जब मरीज को पेट में असहाय दर्द हुआ तो परिजनों ने जांच कराई। जांच करने पर पूरा मामला खुला। इस पर परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ मुख्यमंत्री पोर्टल और अधिकारियों से शिकायत की। इसके बाद स्टेट मेडिकल फैकल्टी की गर्विनिंग बॉडी (नेशनल मेडिकल कमीशन) में भी शिकायत दर्ज कराई।
वहीं, एनएमसी ने आरोपी महिला डॉक्टर के छह महीने ऑपरेशन करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही सीएमओ कार्यालय को पत्र भेजकर एनएमसी ने आदेश पर अमल कराने के निर्देश भी दिए हैं।
परिजनों ने निजी अस्पताल में कराया महिला का ऑपरेशन
जानकारी के अनुसार, गोमतीनगर के रहने वाले कृष्ण मुरारी की पत्नी को साल 2020 में पेट में परेशानी हुई थी। परिजनों ने मरीज को रायबरेली रोड स्थित निजी अस्पताल में दिखाया। यहां महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. निर्मला ने मरीज की जांच की और परिजनों को बच्चादानी के ऑपरेशन की सलाह दी। पेट में हो रहे असहाय दर्द से राहत के लिए परिजन राजी हो गए। डॉक्टर ने ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन के एक सप्ताह बाद मरीज के पेट में फिर से असहाय दर्द होने लगा।
अल्ट्रासाउंड में उजागर हुई डॉक्टर की लापरवाही
परिजन मरीज को लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे। डॉक्टर ने इलाज किया लेकिन फिर भी आराम नहीं मिला। परिजनों ने निजी डायग्नोस्टिक सेंटर में अल्ट्रासाउंड कराया। जांच में मरीज के पेट में क्लिप पड़े होने की पुष्टि हुई। इसके बाद परिजन मरीज को लेकर ऑपरेशन करने वाली महिला चिकित्सक के पास लेकर पहुंचे। इस पर डॉक्टर ने दोबारा ऑपरेशन करने की सलाह दी। महिला डॉक्टर ने दोबारा ऑपरेशन का अलग से खर्च बताया। इस पर परिजन भड़क गए। यहां से परिजन मरीज को लेकर गोमतीनगर के निजी अस्पताल पहुंचे यहां चिकित्सकों ने दूसरा ऑपरेशन किया और क्लिप निकाली।
डॉक्टर पर ऑपरेशन के लिए छह माह तक रोक
इसके बाद परिजनों ने डॉक्टर की लापरवाही की शिकायत अस्पताल प्रशासन से की, लेकिन उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की। परिजनों ने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत की। इसके बाद एनएमसी से भी गुहार लगाई। जांच-पड़ताल के बाद स्टेट मेडिकल फैकल्टी की गवर्निंग बॉडी एनएमसी ने डॉक्टर पर छह महीने ऑपरेशन करने की पाबंदी लगाई है। आदेश पर अमल के लिए सीएमओ कार्यालय को पत्र भेजा है। वहीं, डिप्टी सीएमओ डॉ. केडी मिश्र ने पत्र मिलने की पुष्टि कर दी है।