- लखनऊ में किराये के घर में रहने वाली क्षेत्रीय वन अधिकारी की पति ने की हत्या
- पुलिस के अनुसार पति से रुपये के लेनदेन को लेकर होता था विवाद
- आरोपी रुपये लेने के लिए महीने में दो से तीन बार लखनऊ आया करता था
Lucknow Crime News: राजधानी लखनऊ के बाबूगंज में किराये का मकान लेकर रहने वाली क्षेत्रीय वन अधिकारी शीला गुप्ता को उनके पति ने गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया। पत्नी की हत्या करने बाद भागते समय पड़ोसियों ने आरोपी को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस के अनुसार शीला का पति से रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद था।
प्रभारी निरीक्षक हसनगंज अतुल कुमार श्रीवास्तव के अनुसार मूलरूप से अयोध्या निवासी शीला गुप्ता परिवार के साथ बाबूगंज इलाके में किराये पर रहती थीं। वह वन विभाग के नरही स्थित मुख्यालय में प्रभागीय वन अधिकारी सर्वेक्षण प्रभाग में तैनात थीं। परिवार में पति बसंत कुमार गुप्ता, बेटी वैष्णवी और दामाद सत्येंद्र कुमार हैं।
चीख पुकार सुनकर लोगों को हुई घटना की जानकारी
वन विभाग अधिकारी शीला की अंबेडकर नगर के अकबरपुर में भी संपत्तियां हैं। पति बसंत कुमार वहीं पर रहकर नींबू पानी बेचता है। पुलिस के अनुसार बसंत गुरुवार रात को लखनऊ के बाबूगंज पहुंचा था। दामाद सत्येंद्र के अनुसार सुबह के लगभग 6 बजे शीला उठीं तो बसंत ने विवाद शुरू कर दिया। इससे पहले बसंत ने उनके कमरे में बाहर से कुंडी लगा दी थी। उसने शीला से मारपीट की और धक्का देकर उन्हें नीचे गिरा दिया। वह अपने साथ नींबू काटने वाला बड़ा चाकू लेकर आया हुआ था, जिससे शीला का गला रेतने लग गया। चीख पुकार सुन कर बेटी और दामाद ने अपने कमरे का दरवाजा खोलना चाहा तो वह बाहर से बंद था।
पड़ोसियों नेे पकड़ कर की पिटाई
वहीं शीला की चीख पुकार सुनकर ऊपरी मंजिल पर रहने वाली शशि सिंह नीचे उतरीं तो देखा कि बसंत शीला का गला रेत रहा था। उनको देखकर बसंत ने उन्हें धक्का देकर भागने की कोशिश की। लेकिन तब तक अन्य पड़ोसी भी वहां पहुंच गए और उसे पकड़ लिया। इसके बाद अंदर जाकर कमरे की कुंडी खोली तो बेटी-दामाद भी बाहर आए। घटना से आक्रोशित पड़ोसियों ने बसंत की जमकर पिटाई कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस के अनुसार आरोपी को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया था। छुट्टी मिलने के बाद उसे थाने लाकर पूछताछ की जा रही है।
पैसे को लेकर होता था विवाद
डीसीपी पूर्वी कासिम आब्दी के अनुसार ठेले पर नींबू पानी बेचने वाला बसंत शीला के भरोसे ही अपना जीवन चला रहा था। उसकी नजर अयोध्या और अंबेडकर नगर की संपत्तियों पर थी। रुपये को लेकर अक्सर वह शीला से विवाद करता था। इस बात की पुष्टि आस-पास रह रहे लोगों से पूछताछ में हुई है। पुलिस के अनुसार गुरुवार रात से ही बसंत शीला से रुपये मांग रहा था। शीला ने कहा कि अभी बेटी की शादी की है। रुपये नहीं है, कई लोगों का कर्ज भी चुकाना है। इस पर बसंत ने रात में भी कहासुनी की थी और सुबह शीला की हत्या कर दी।
अप्रैल में की थी बेटी की शादी
शीला ने अपनी इकलौती बेटी वैष्णवी की शादी इसी वर्ष 29 अप्रैल को पारा के फतेहगंज निवासी सत्येंद्र से की थी। सत्येंद्र प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। बसंत बेटी की शादी के बाद से ही शीला पर दबाव बना रहा था कि उसे अपने साथ रखे, लेकिन शीला ने मना कर दिया था। वह रुपये लेने के लिए महीने में दो से तीन बार अंबेडकर नगर से लखनऊ आया करता था। हर बार कुछ न कुछ रुपये लेकर जाता था। पुलिस ने कहा कि इस बार वह हत्या की पूरी तैयारी करके आया था।