- छात्रा सुदीक्षा भाटी के परिजनों ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की
- सुदीक्षा की बुलंदशहर में एक सड़क हादसे में 10 अगस्त को जान चली गई थी
- यूपी सरकार ने सुदीक्षा की याद में पुस्तकालय और प्रेरणा स्थल बनवाने की घोषणा भी की
लखनऊ : बुलंदशहर सड़क हादसे में जान गंवाने वाली छात्रा सुदीक्षा भाटी के परिजनों ने आज (रविवार, 13 सितंबर) लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस दौरान सीएम योगी ने सुदीक्षा के परिजनों को 15 लाख रुपये की सहायता और उनकी बेटी की स्मृति में एक पुस्तकालय और प्रेरणा स्थल बनवाने की घोषणा की। सुदीक्षा के परिजनों ने सांसद सुरेंद्र नागर और दादरी से विधायक तेजपाल नागर के साथ मुख्यमंत्री आवास पर सीएम से मुलाकात की। सीएम से मिलने वालों में उसके माता-पिता और मामा शामिल रहे।
सीएम ने दिया दिलासा
सीएम योगी ने सुदीक्षा के परिजनों से बातचीत की, उनके कामकाज के बारे में पूछा और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। सीएम ने कहा कि वह देश की बेटी थी समाज की बेटी थी। बिटिया के जाने का दुख सबको है पर हिम्मत से काम लें। हम सब साथ हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि सुदीक्षा के नाम पर प्रेरणा स्थल और लाइब्रेरी बनाई जाएगी ताकि क्षेत्र के बच्चों को आगे बढ़ने और पढ़ने की प्रेरणा मिल सके। उन्होंने अधिकारियों को परिवार की आर्थिक मदद के भी निर्देश दिए। सुदीक्षा के परिवार को 15 लाख रुपये सरकार की ओर से और 5 लाख रुपये सांसद सुरेंद्र नागर की ओर से दिए जाएंगे।
सांसद सुरेंद्र नागर ने बताया कि सुदीक्षा के परिवार ने सीएम के समक्ष यह मांग रखी कि चूंकि वह शिक्षा से जुड़ी थीं, इसलिए उसकी याद में दादरी में एक प्रेरणा स्थल और पुस्तकालय का निर्माण किया जाए, जिसे सीएम ने स्वीकार कर लिया। वहीं, सुदीक्षा के परिजनों ने सीएम से मुलाकात के बाद कहा कि मुख्यमंत्री ने सहानुभूतिपूर्वक उनकी बातें सुनी और उनकी मांगों सहमति जताई।
सड़क हादसे में गई थी जान
यहां उल्लेखनीय है कि गौतमबुद्ध नगर जिले की दादरी तहसील में रहने वाली छात्रा सुदीक्षा भाटी की 10 अगस्त को बुलंदशहर में अपने ननिहाल जाते समय एक हादसे में जान चली गई थी। बेहद गरीबी के बावजूद अपनी प्रतिभा के बल पर सुदीक्षा ने करीब चार करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति हासिल कर अमेरिका के बाबसन कॉलेज में दाखिला लिया था। कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन के कारण वह घर आई थीं। उन्हें 20 अगस्त को अमेरिका लौटना था, लेकिन हादसे में उनकी जान चली गई। बेहद गरीबी में पली-बढ़ी सुदीक्षा छह भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी।
परिवार का आरोप है कि मोटरसाइकिल सवार दो लोगों ने उसका पीछा कर उसे परेशान किया और इसी क्रम में दुर्घटना हुई, जिसमें सुदीक्षा की जान चली गई। मामले की जांच को लेकर एसआईटी भी गठित की गई थी।