लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'करोना मुक्त उत्तर प्रदेश' की संकल्पना यूपी सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप अब साकार होने लगी है। आज 19 जनपद ऐसे हैं जहां एक भी पॉजिटिव केस नहीं आए हैं। 45 जनपद ऐसे हैं जहां पर केवल सिंगल डिजिट में पॉजिटिव केस आए हैं और कुछ जनपद ऐसे हैं जहां पर एक्टिव केस 01 ही रह गया है। सीएम बोले कि ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की नीति के अनुरूप कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्था रंग ला रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए संक्रमण की रोकथाम के सम्बन्ध में पूरी सतर्कता एवं सावधानी बरती जाए। उन्होंने प्रदेशवासियों को कोविड संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए कोरोना वैक्सीनेशन की कार्यवाही को और तेज किए जाने के निर्देश दिए हैं।
यूपी में बीते 24 घंटे में संक्रमण के 310 नए मामले
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 310 नये मामले प्रकाश में आए हैं। इसी अवधि में 927 संक्रमित व्यक्तियों का सफल उपचार करके डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 6496 है। पिछले 24 घण्टों में 2,86,396 कोविड टेस्ट किये गये हैं। राज्य में अब तक कुल 05 करोड़ 41 लाख 45 हजार 947 कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर में भी निरन्तर वृद्धि हो रही है। यह दर अब बढ़कर 98.3 प्रतिशत हो गई है।
सीएम ने कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की
मुख्यमंत्री वर्चुअल माध्यम से आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना संक्रमण में उल्लेखनीय कमी को देखते हुए सोमवार 21 जून, 2021 से आंशिक कोरोना कफ्र्यू में छूट की अवधि को बढ़ाकर सुबह 7ः00 बजे से रात 9ः00 बजे तक किया जाए। इस सम्बन्ध में प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाए। उन्होंने कहा कि आगामी सोमवार 21 जून, 2021 से रेस्टोरेंट्स को आधी क्षमता के साथ खोले जाने की अनुमति दी जाए। खुलने वाले रेस्टोरेंट्स में अनिवार्य रूप से इन्फ्रारेड थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर, सैनिटाइजर आदि से युक्त कोविड हेल्प डेस्क स्थापित होनी चाहिए।
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर किया आगाह
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ पॉलिसी को प्रभावी ढंग से जारी रखा जाए। कोविड संक्रमण की सम्भावित तीसरी लहर एवं संचारी रोगों की रोकथाम के सम्बन्ध में प्रदेश के सभी जनपदों को अभी से सक्रिय किया जाए। इस सम्बन्ध में बच्चों की स्क्रीनिंग एवं सर्विलांस का कार्य अभियान के रूप में संचालित किया जाए। यह अभियान कोरोना सहित वर्षा काल में होने वाले अन्य संचारी रोगों की रोकथाम में अत्यन्त सहायक सिद्ध होगा। निगरानी समितियों के माध्यम से बच्चों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराने के कार्य का आज से शुभारम्भ हो गया है।
बच्चों के लिए तैयार की गई मेडिसिन किट
स्वास्थ्य विभाग द्वारा 0 से 01 वर्ष, 01 वर्ष से 05 वर्ष, 05 वर्ष 12 वर्ष तथा 12 वर्ष से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए अलग-अलग मेडिसिन किट तैयार की गई है। निगरानी समितियों के द्वारा स्क्रीनिंग के पश्चात लक्षण युक्त एवं संक्रमण के प्रति संदिग्ध बच्चों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराई जाए। जिन बच्चों को मेडिसिन किट प्रदान की जा रही है, उनके नाम-पता एवं उनके अभिभावकों के फोन नम्बर युक्त सूची भी तैयार की जाए, जिससे इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर तथा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से मेडिसिन किट प्राप्ति का फीड बैक लेते हुए बच्चों के स्वास्थ्य के सम्बन्ध में भी जानकारी प्राप्त की जा सके।
14 दिनों में 50 लाख से अधिक टीके लगाए गए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार मिशन जून अभियान के तहत एक माह में प्रदेश में एक करोड़ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अपने निर्धारित लक्ष्य का आधा हिस्सा योगी सरकार ने महज 14 दिनों के भीतर हासिल कर लिया है। जो योगी सरकार की सफल नीति का ही परिणाम है। योगी सरकार द्वारा टीकाकरण के लिए निर्धारित किए गए लक्ष्य के तहत 51 लाख से अधिक डोज दी जा चुकी हैं। अब तक प्रदेश में कुल 2.34 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। सर्वाधिक बआबादी वाले उत्तर प्रदेश ने कम संसाधनों में भी दूसरे कई प्रदेशों को अपनी सफल नीतियों से काफी पीछे छोड़ दिया है। महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, राजस्थान और केरल को पीछे छोड़ते हुए यूपी में टीकाकरण की वर्तमान गति देश में सबसे अधिक है।