- वाहन चालकों की जेब पर और बोझ बढ़ा
- 15 साल पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन की फीस बढ़ी
- अब रजिस्ट्रेशन के लिए करीब 5 गुना अधिक लगेगा शुल्क
Old Vehicles Registration: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत की मार झेल रहे वाहन चालकों पर और महंगाई की मार पड़ी है। पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन शुल्क में बदलाव किया गया है। नए नियम के मुताबिक, 15 साल पुराने वाहनों के शुल्क में करीब 5 गुना का इजाफा हुआ है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की अधिसूचना जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त धीरज साह ने बताया कि, अप्रैल से ही पंजीकरण के नए शुल्क लागू करने के आदेश जारी हैं। राजधानी लखनऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश में यह आदेश लागू होगा।
पहले 300 रुपए थी रजिस्ट्रेशन फीस
अब वाहन चालकों को 15 साल पुराने दो पहिया वाहनों का फिर से पंजीकरण कराने के लिए 300 रुपए के बजाय 1,400 रुपए का शुल्क देना पड़ेंगा। 15 साल पुरानी कार के दोबारा पंजीकरण के लिए पहले 600 रुपये देने पड़ते थे और ग्रीन टैक्स अलग से देना पड़ता था। अब पुरानी कार का दोबारा पंजीकरण कराने में 5,800 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। नए शुल्क में पंजीकरण के पांच हजार रुपये और फिटनेस जांच के 800 रुपए शामिल हैं। तीन पहिया वाहनों की फीस 600 रुपए थी। अब बढ़कर यह 3,300 रुपए हो गई है।
अब बाइक के लिए लगेगा 1 हजार रुपए शुल्क
व्यावसायिक यानी कमर्शियल वाहनों की फिटनेस की जांच के लिए नया शुल्क तय हुआ है। फिटनेस प्रमाण-पत्र की अवधि समाप्त होने के बाद देरी के हर दिन के लिए 50 रुपए का अतिरिक्त शुल्क भी लिया जाएगा। इसके अलावा 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहनों के दोबारा पंजीकरण के लिए अब बाइक के लिए 1000 रुपए, तीन पहिया वाहन के लिए 2,500 रुपए, हल्के मोटरयान के लिए 5,000 रुपए, मध्यम माल यात्री यान के लिए 1,000 रुपए और भारी माल यात्री यान के लिए 1,500 रुपए देने पड़ेंगे।
चुनाव के चलते टाल दिया गया था नया शुल्क
दरअसल, वाहनों के रजिस्ट्रेशन का नया शुल्क पिछले साल ही लागू किया जाना था। विभागीय तैयारियां पूरी हो गईं थीं। प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी थी, लेकिन विधानसभा चुनाव के मद्देनजर यह लागू नहीं किया गया था। अब नई सरकार का गठन होते ही रजिस्ट्रेशन का नया शुल्क लागू कर दिया गया है।