- लखनऊ के केजीएमयू में सांस के रोगियों को मिलेगी यह सुविधा
- केजीएमयू के डेंटल संकाय में बनेगी मॉड्यूलर ओटी
- शासन को भेजा प्रस्ताव, मंजूरी मिलते ही शुरू होगा काम
Lucknow Development News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में अब सांस के रोगियों को दवाई के साथ-साथ हर्बल पार्क का भी सहारा मिलेगा। हर्बल पार्क की शुद्ध हवा से उन्हें इलाज में भी सहारा मिलेगा। खास बात यह है कि अब केजीएमयू के डेंटल संकाय में जल्द मॉड्यूलर ओटी नजर आएगी। इससे मरीजों को बेहतर इलाज तो मिलेगा ही, साथ ही संक्रमण की आशंका भी कम रहेगी। इससे संबंधित प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। मंजूरी मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
केजीएमयू में पुराने वार्डों को तोड़कर अत्याधुनिक ओटी का निर्माण किया जाना है। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉक्टर सुधीर सिंह का कहना है कि दंत संकाय की ओपीडी में सामान्य दिनों में पांच सौ तक मरीज आते हैं। इन मरीजों में से काफी को सर्जरी की जरूरत होती है। इनमें एक्सीडेंट और दांतों की अन्य समस्या के मामले भी रहते हैं। इसे देखते हुए मॉड्यूलर ओटी का प्रस्ताव भेजा गया है। वहीं मंजूरी मिलने के बाद सर्जरी के मामलों में इलाज और बेहतर हो जाएगा। बताया गया कि केजीएमयू में दंत संकाय के अधीन नौ विभाग चलते हैं।
अत्याधुनिक ओटी होने से कम होगा संक्रमण का खतरा
बताया गया कि मॉड्यूलर ओटी में ऑपरेशन थिएटर अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होता है। इसमें संक्रमण का खतरा बहुत कम होता है। साथ ही ऑटोमैटिक मशीनों से पल्स रेट, ब्लड प्रेशर आदि की मॉनिटरिंग होती रहती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत होती है कि सर्जरी के दौरान रोगी के शरीर से निकलने वाले द्रव्य को मशीन सोख लेती है, जिससे संक्रमण नहीं होता।
रोटरी क्लब के सहयोग से हुआ पार्क का शुभारंभ
वहीं विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में रोटरी क्लब के सहयोग से इस पार्क का शुभारंभ किया गया है। इस अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग मंत्री डॉ. अरुण कुमार अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
डॉ. अरुण कुमार ने रखे अपने विचार
डॉक्टर अरुण कुमार ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने इसी विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण कर नाम कमाया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि उसके बदले विश्वविद्यालय को कुछ लौटा सकूं। इस मौके पर केजीएमयू के कुलपति डॉ. पुरी ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस को जागरुकता के रूप में नहीं इसे प्रयास के रूप में भी मनाया जाना चाहिए।