- 50 वर्ष से अधिक की आयु के पुलिसकर्मियों की आयोग से मांगी गई सूची
- 50 वर्ष की आयु पार कर चुके पुलिसकर्मियों को जबरन किया जाएगा रिटायर
- आगामी 20 मार्च तक मुख्यालय में रिपोर्ट जमा करने के दिए गए निर्देश
UP News: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव समाप्त होते ही योगी सरकार एक्शन में दिखना शुरू हो गई। बहुमत से सरकार बनाने के बाद योगी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। पुलिस महकमे से ही उन्होंने सबसे पहले शुरुआत की है। यूपी सरकार ने सत्ता में वापसी के साथ ही दागी और 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके पुलिसकर्मियों पर अपना डंडा चला दिया है। दागी और 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके पुलिसकर्मियों को अब जबरन रिटायर किया जाएगा। इसके लिए स्क्रीनिंग की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
योगी सरकार ने आयोग से आगामी 20 मार्च तक मुख्यालय में रिपोर्ट जमा करने के कड़े निर्देश जारी किए हैं। 20 मार्च के बाद योगी सरकार के पास ऐसे लोगों की सूची आ जाएगी। इसके बाद यह साफ तौर पर जाहिर हो जाएगा कि प्रदेश भर में 50 वर्ष से अधिक उम्र के व दागी पुलिसकर्मियों की संख्या कितनी हैं। इस सूची के आधार पर आंकड़े बाद में जारी होंगे।
30 नवंबर 2021 तक मांगी गई थी रिपोर्ट
योगी सरकार ने दागी पुलिसकर्मियों को लेकर पहले भी रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची अभी तक मुख्यालय में जमा नहीं हो पाई है। दोबारा सत्ता में आते ही उत्तर प्रदेश सरकार ने एक्शन लेते हुए 50 वर्ष से अधिक आयु के व दागी पुलिसकर्मियों की सूची दोबारा मांग ली है। इससे पहले इस सूची की अंतिम तिथि भी घोषित कर दी गई थी। 30 नवंबर 2021 तक ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची जमा करनी थी, लेकिन 30 नवंबर तक यह सूची जमा नहीं हो पाई थी। साथ ही, इसकी स्क्रीनिंग भी नहीं हो पाई। सत्ता में वापस आते ही योगी सरकार ने दोबारा इसकी डेडलाइन घोषित कर दी है, जिसके बाद से ही इस दायरे में आने वाले पुलिसकर्मियों के हाथ-पांव फूलने शुरू हो गए हैं। कई पुलिसकर्मियों ने तो अभी से ही अपने बचाव के रास्ते ढूंढने शुरू कर दिए हैं।
एससीआर रिपोर्ट की भूमिका होगी अहम
एससीआर रिपोर्ट को लेकर भी लोगों के हाथ-पांव फूलने शुरू हो गए हैं। एससीआर यानी एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट इस रिपोर्ट के आधार पर किसी भी पुलिसकर्मी की कार्यशैली व चरित्र की विस्तृत जानकारी होती है। एसीआर में कर्मचारियों के कार्य का मूल्यांकन, उनका चरित्र, व्यवहार, कार्यक्षमता, योग्यता आदि की सम्पूर्ण जानकारी दी गई होती है। स्क्रीनिंग कमेटी सभी कर्मचारियों के एससीआर देखती है और इसी के आधार पर निर्णय लिया जाता है। एससीआर में जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव होगी उसके लिए मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं।