- एसजीपीजीआई और अन्य संस्थानों में चल रही है हर माह 2-3 ट्रांसप्लांट की तैयारी
- ब्रेनडेड मरीजों के विभिन्न अंगों को दान कराकर दूसरे मरीजों में किया जाएगा ट्रांसप्लांट
- लाइव रिलेविट डोनर प्रोग्राम डिजिज्ड लाइव ट्रांसपोर्ट प्रोग्राम भी शुरू करने की तैयारी
UP Liver Transplant: यूपी में अब लिवर ट्रांसप्लांट को गति मिलेगी। इसी दृष्टिकोण से एसजीपीजीआई स्वयं प्रत्येक महीने 2-3 मरीजों का लिवर ट्रांसप्लांट करेगा। इसके लिए तैयारी तेज कर ली गई है। सिर्फ इतना ही नहीं प्रयास यह भी है कि ब्रेनडेड मरीजों के विभिन्न अंगों को दान कराकर दूसरे मरीजों में ट्रांसप्लांट हो सके। इसको लेकर प्रदेश के सभी मेडिकल इंस्टीट्यूशंस की चेन तैयार की जा रही है। ज्ञात हो कि एसजीपीजीआई में तीन साल से लिवर ट्रांसप्लांट बंद था। लेकिन अब इसे शुरू किया जा चुका है। इसके लिए सीएम हेल्प फंड से 10 लाख की सहायता राशि प्राप्त हुई है। वहीं अन्य सरकारी योजनाओं से भी मदद मिलने की बात सामने आ रही है। एक मरीज का लिवर ट्रांसप्लांट भी किया जा चुका है। वहीं पांच अन्य मरीजों को भर्ती कर आवश्यक जांच करवाया जा रहा हैं। इनके डोनर भी तैयार कर लिए गए हैं।
एसजीपीजीआई के निदेशक के अनुसार हेपेटोलॉजी विभाग शुरू हो चुका है। लिवर ट्रांसप्लांट कार्यक्रम को गति देने के लिए सरकार की ओर से भी सभी पहलुओं पर सहयोग मिल रहा है। ऐसे में प्रत्येक महीने कम से कम दो से तीन मरीजों का ट्रांसप्लांट हो सके इसलिए लिए प्रयास किए जा रहे हैं। लाइव रिलेविट डोनर प्रोग्राम डिजिज्ड लाइव ट्रांसपोर्ट प्रोग्राम भी शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए विभिन्न मेडिकल इंस्टीट्यूशंस में ब्रेनडेड मरीजों से लिवर व अन्य अंग डोनेट कराकर भी जरूरतमंद मरीजों को राहत देने का प्रयास किया जा रहा है।
मेडिकल इंस्टीट्यूशंस को जोड़कर तैयार किया जा रहा नेटवर्क
एसजीपीजीआई में स्थापित राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन के प्रभारी ने जानकारी देते हुए बताया कि लोगों को अंगदान के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। अस्पतालों में ब्रेनडेड होने वालों के परिजनों की इच्छा व सहमति के आधार पर मरीज का अंगदान कराया जाता है। एसजीपीजीआई के अलावा लोहिया संस्थान, केजीएमयू के ट्रामा सेंटर को जोड़कर नेटवर्क तैयार किया गया है। जल्द ही प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों और ट्रॉमा सेंटर को भी इस प्रोग्राम में सम्मिलित किया जाएगा।
किडनी ट्रांसप्लांट की भी तैयारी
केजीएमयू में दो वर्ष पूर्व लिवर ट्रांसप्लांट शुरू किया गया था। हर महीने एक मरीज का ट्रांसप्लांट किया जा रहा है। कोविड के दौरान ट्रांसप्लांट जरूर बंद रहा। लेकिन अब तक यहां 14 मरीजों का लिवर ट्रांसप्लांट हो चुका है। इसके अलावा किडनी प्रत्यारोपण की भी तैयारी हो रही है। लोहिया संस्थान में भी किडनी ट्रांसप्लांट का काम चल चल रहा है और लिवर ट्रांसप्लांट की तैयारी हो रही है। इसके अलावा राजधानी के एक निजी अस्पताल में भी लिवर ट्रांसप्लांट की बात सामने आ रही है।