लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास की अनन्त सम्भावनाएं हैं और प्रवासी भारतीयों की विशेषज्ञता एवं अनुभव के माध्यम से इन्हें साकार किया जा सकता है। प्रवासी भारतीयों से प्रदेश के विकास में रचनात्मक योगदान का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि अपनी प्रतिभा, परिश्रम व उद्यमिता से प्रवासी भारतीयों ने उनके निवास के देशों की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाया है। भारतीयता के आदर्शों के प्रति प्रवासी भारतीयों की प्रतिबद्धता ने भारतीय जीवन मूल्यों को विश्व में एक अनुपम ब्रांड के रूप में स्थापित किया है।
मुख्यमंत्री डिजिटल संवाद ‘इंडिया ग्लोबल वीक-2020’ में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस अभूतपूर्व समय में डिजिटल संवाद का आयोजन एक सराहनीय पहल है।
उन्होंने भरोसा जताया कि यह संवाद विभिन्न देशों से आर्थिक सम्बन्ध सुदृढ़ करने में उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोविड-19 से प्रभावित हुईं आर्थिक गतिविधियों की तेजी से बहाली के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में उद्यमिता के लिए सक्षम और अनुकूल वातावरण सृजित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला राज्य है। राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में प्रदेश का योगदान लगभग आठ प्रतिशत है। यहां देश की लगभग 17 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। 23 करोड़ से अधिक की जनसंख्या एवं सबसे विशाल जनशक्ति के आधार के साथ प्रदेश, भारत का सबसे बड़ा बाजार है।
उन्होंने कहा कि राज्य की 56 प्रतिशत जनसंख्या कामकाजी आयु वर्ग में है। प्रदेश सरकार इस विशाल 'डेमोग्राफिक डिविडेन्ड' (जनसांख्यिकी लाभांश)का कौशल विकास करते हुए, इसका उपयोग प्रदेश के औद्योगिक विकास में करने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की शुरुआत में प्रदेश में पीपीई किट व मास्क निर्माण करने वाली कोई भी इकाई नहीं थी। वर्तमान में 43 से अधिक इकाइयां पीपीई किट निर्माण एवं निर्यात कर रही हैं।