- गुरुवार शाम दिल्ली पहुंचेंगे उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ
- उत्तर प्रदेश में अगले साल होंगे विधानसभा की 403 सीटों पर चुनाव
- भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह से होनी सीएम मुलाकात
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार शाम दिल्ली पहुंच रहे हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को देखते हुए सीएम योगी का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि अपनी इस यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। भाजपा यूपी में 23 अगस्त से 'बूथ विजय अभियान' की शुरुआत करने जा रही है। सूत्रों के अनुसार भाजपा अध्यक्ष नड्डा 2700 बूथ के कार्यकर्ताओं से वर्चुअल संवाद स्थापित करेंगे।
हर बूथ पर 40 से 50 कार्यकर्ता भेजेगी पार्टी
भाजपा की योजना 23 सितंबर तक विधानसभा की करीब 400 सीटों पर 50 कार्यकर्ताओं को पहुंचाने की है। पार्टी विधानसभा की हर सीट पर 40 से 50 सक्रिय कार्यकर्ताओं को पहुंचाने की तैयारी कर रही है। दरअसल, कुछ दिनों पहले यूपी के मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा ने जोर पकड़ी लेकिन अभी तक इस बारे में पार्टी आगे नहीं बढ़ सकी है। विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है, ऐसे में मंत्रिमंडल के विस्तार पर सीएम योगी की पार्टी अलाकमान से चर्चा हो सकती है।
मंत्रिमंडल विस्तार पर हो सकती है चर्चा
सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल के विस्तार की सूची पार्टी आलाकमान को पहले ही सौंप दी गई है लेकिन अभी तक कैबिनेट का विस्तार नहीं हो पाया है। सीएम योगी के दिल्ली दौरे में इस मसले पर भी चर्चा हो सकती है। इसके अलावा मुख्यमंत्री गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। शाह यूपी के प्रभारी महासचिव रहे हैं और वह सूबे की राजनीति को बखूबी समझते हैं। आने वाले दिनों भाजपा अपने बड़े कार्यकर्ताओं के कार्यक्रमों का आयोजन यूपी में करेगी। बताया जा रहा है कि इसमें सबसे बड़ा कार्यक्रम अमित शाह का होगा।
भाजपा के लिए काफी अहम है विस चुनाव
उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव भाजपा के लिए काफी अहम है। पार्टी इस बार भी 2017 जैसा प्रदर्शन दोहराने की कोशिश में है। इसे देखते हुए पार्टी और संगठन दोनों स्तर पर रणनीति तैयार की जा रही है। पिछले विस चुनाव की बात करें तो भाजपा को 312 सीटों पर जीत मिली जबकि सपा को 47 सीटें, बसपा 19 सीटें, कांग्रेस को 7 सीटों पर विजय मिली। रालोद के खाते में 1 सीट, अपना दल (सोनेलाल) के खाते में 9 सीट और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के खाते में 4 सीटें गईं। सभसपा और अपना दल भाजपा गठबंधन में शामिल थे।