लखनऊ : उर्दू के जाने-माने कवि मुनव्वर राना की बेटी सुमैया राना मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गईं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में सुमैया सपा का दामन थामा। लखनऊ में बीते दिनों नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के बाद सुमैया सुर्खियों में आई थीं। प्रदर्शन में शामिल होने पर उनके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था। उर्दू कवि की बेटी के पार्टी में शामिल होने के बाद अखिलेश यादव ने राज्य की योगी सरकार पर हमला बोला।
अखिलेश ने भाजपा पर बोला हमला
अखिलेश ने कहा कि राज्य सरकार अपने खिलाफ उठने वाली आवाज दबाने के लिए पुलिस का सहारा लेती है। सपा अध्यक्ष ने कहा, 'राज्य में सपा की सरकार बनने पर सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लिया जाएगा।' सुमैया लखनऊ के घंटाघर इलाके में सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन का चेहरा बन गई थीं। लखनऊ की पुलिस ने निषेधाज्ञा उल्लंघन के आरोप में उनके खिलाफ केस दर्ज किया। यही नहीं उन्हें घर में 'नजरबंद' भी रखा गया।
सरकार के मुखर आलोचकों में से एक हैं मुनव्वर
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में सीएए पर आयोजित एक कार्यक्रम में शरीक होते हुए सुमैया ने अपने खिलाफ दर्ज मामले को सम्मान का पदक करार दिया। जबकि इनके पिता मुनव्वर सीएए के मुखर आलोचकों में हैं। वह सरकार की नीतियों के खिलाफ अपने रुख को लेकर चर्चा में रहे हैं। बाबरी मस्जिद केस जैसे विवादित मसलों पर वह सरकार को कठघरे में खड़ा करते आए हैं।
राज्य में 2022 में होगा बदलाव-अखिलेश
इस मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा, 'वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक बदलाव होगा। भाजपा सरकार जब तक नहीं जाएगी, तब तक लोकतंत्र नहीं बच सकता। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा छोटे दलों के लिए दरवाजे खुले रखेगी। सपा लगातार छोटे दलों को जोड़ रही है। भाजपा सरकार विरोध में उठने वाली हर आवाज को दबाने के लिए झूठे मुकदमे लगा रही है।'